क्राइम रिपोर्टर, सचिन सिंह चौहान
फिरोज़ाबाद:एंटीकरप्शन टीम ने शुक्रवार को जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय में तैनात एक बाबू को पांच हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। जिससे विकास भवन के सभी कार्यालयों में खलबली मच गई। यह धनराशि आंगनबाड़ी केंद्र के सरकारी भवन का आवंटन करने के नाम पर मांगी गई थी। एंटीकरप्शन टीम उसे टूंडला थाने ले गई। शिकायतकर्ता राधेश्याम पुत्र डम्बर सिंह निवासी नकला केवल थाना शिकोहाबाद ने विगत दिनों भ्रष्टाचार निवारण संगठन आगरा मंडल के प्रभारी संजय राय से शिकायत की थी कि जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय में तैनात राजेश स्वरूप नरमा,कनिष्ठ सहायक कार्यालय बाल विकास, आंगनबाड़ी भवन का आवंटन कराने के नाम पर पांच हजार रुपये रिश्वत की मांग कर रहा है।
कई बार विभागीय अधिकारियों से शिकायत की लेकिन जांच नहीं कराई गई। शिकायत की पुष्टि होने पर एंटी करप्शन टीम ने शुक्रवार को विकास भवन परिसर में जाल बिछाया। टीम ने बाबू की जेब से रिश्वत की धनराशि बरामद करते हुए सील कर दीबाल विकास परियोजना अधिकारी कार्यालय का बाबू मांग रहा था रिश्वत
शिकोहाबाद क्षेत्र के गांव नगला केवल निवासी प्रियंका अपने गांव में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं। गांव में आंगनबाड़ी केंद्र के लिए भवन नहीं होने के कारण प्रियंका ने डीपीओ केसरी नंदन तिवारी से केंद्र के लिए सरकारी भवन के आवंटन का आदेश कराया था, लेकिन आदेश की प्रति बाबू राजेश बाबू प्रियंका को नहीं दे रहा था। उसके पति राधेश्याम भी बाबू और डीपीओ से मिले लेकिन बात नहीं बनी।
थाना टूंडला में प्राथमिकी, आज मेरठ के न्यायालय में पेश किया जाएगा
बाबू पांच हजार रुपये रिश्वत मिलने के बाद ही आदेश की प्रति देने की बात पर अडिग था। राधेश्याम ने एक सप्ताह पहले मामले की शिकायत आगरा में भ्रष्टाचार निवारण संगठन के अधिकारी से की थी। संगठन के ट्रैप प्रभारी निरीक्षक संजय राय टीम के साथ दोपहर में विकास भवन स्थित बाल विकास परियोजना अधिकारी कार्यालय में पहुंचे। दो बजे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रियंका और उनके पति राधेश्याम ने बाबू को रिश्वत देने के लिए विकास भवन कार्यालय परिसर में बुलाया। बाबू ने जैसे ही रुपये लिए, संगठन की टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी की खबर के बाद खलबली
गिरफ्तारी की खबर पर पूरे विकास भवन परिसर में सनसनी फैल गई। अधिकारी-कर्मचारी यह पता लगाने लगे कि बाबू को कहां से आई किस विभाग की टीम ले गई है। विभाग के कई अधिकारियों ने मोबाइल बंद कर लिए। भ्रष्टाचार निवारण संगठन की टीम आरोपित को थाना टूंडला ले गई। आरोपित के विरुद्ध थाना टूंडला में एफआईआर लिखवाई गई है। मोबाइल बंद होने के कारण डीपीओ से बात नहीं हो सकी।