क्राइम रिपोर्टर, सचिन सिंह चौहान
फिरोज़ाबाद के टूंडला में 80 साल पुरानी प्रसिद्ध श्रीनगर रामलीला को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 25 सितम्बर को इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा लगायी गई रोक को रद्द कर दिया। कोर्ट ने कहा कि समारोह जारी रहेगा, लेकिन छात्रों को किसी तरह कि असुविधा नहीं होनी चाहिए।
मामला हाईकोर्ट में उस याचिका से शुरू हुआ, जिसमे दावा किया गया था कि 18दिनों तक रामलीला के मंचन से स्कूल कि पढ़ाई प्रभावित होगी। याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि हाईकोर्ट में उनका पक्ष सुने बिना ही एकतरफा फैसला दिया।
रामलीला महोत्सव समिति के संयोजक जयजीव पाराशर और अध्यक्ष कृष्णा हरेंद्रपाल सिंह ने बताया कि शहर के एक व्यक्ति प्रदीप राणा ने रामलीला को लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कि थी। याचिका में कहा गया था कि यह रामलीला परिषदीय विद्यालय के परिसर में होती हैं, जिससे बच्चो कि पढ़ाई प्रभावित हो रही हैं।
याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने रामलीला को तुरंत बंद करने का आदेश दिया। आदेश के बाद 22 सितम्बर कि रात एसडीएम अंकित वर्मा, सीओ अमरीश कुमार और तहसीलदार राखी शर्मा ने रामलीला का मंचन बंद करवा दिया। इससे शहर के लोगों और धार्मिक संगठनों में गुस्सा फैल गया और विरोध प्रदर्शन भी हुए।
रामलीला महोत्सव समिति कि अपील
रामलीला महोत्सव समिति के संयोजक जयजीव पाराशर और अध्यक्ष कृष्णा हरेंद्रपाल सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में अपील कि यह आयोजन पिछले 80 सासल से होता आ रहा हैं और इसे बंद कराना उचित नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता और प्रशासन को नोटिस जारी किया।
प्रशासन को दिए निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने जिला प्रशासन को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि भविष्य में ऐसे आयोजनों के लिए ऑप्शनल स्थल चिन्हित किए जाए, ताकि स्कूल के खेल के मैदान का इस्तेमाल केवल छात्रों के लिए सुरक्षित रहे। टूंडला डीएम ने भी ठाकुर बीरी सिंह कॉलेज में रामलीला आयोजित करने का प्रस्ताव कमेटी को दिया।
सत्यम पार्क में हो रहा रामलीला का मंचन
स्कूल परिसर में आयोजन पर रोक लगने के बाद अब रामलीला, सत्यम पार्क में किया जा रहा हैं। हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा कि स्कूल के बच्चों कि पढ़ाई रुक रही हैं। हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद कोर्ट ने रामलीला आयोजन को बंद करने का आदेश दिया था। जिसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कि गई, जिस पर आज फैसला आया हैं।