क्राइम रिपोर्टर, सचिन सिंह चौहान| आगरा
आगरा।यातायात पुलिस और प्रशासन ने सड़क सुरक्षा को लेकर “नो हेलमेट नो पेट्रोल”अभियान शुरू किया है। दावा किया गया कि इस नियम से आगरा के दुपहिया वाहन चालकों को हेलमेट पहनने की आदत पड़ेगी और दुर्घटनाओं में कमी आएगी। लेकिन JantaNow की पड़ताल में यह नियम ज़्यादातर पेट्रोल पम्पों पर केवल औपचारिकता साबित हुआ।
JantaNow की जांच में खुलासा
28 सितम्बर को JantaNow के क्राइम रिपोर्टर सचिन सिंह चौहान ने आगरा के पेट्रोल पम्पों का दौरा किया। जांच में सामने आया कि शहर के 5 में से 4 पेट्रोल पम्पों पर “नो हेलमेट नो पेट्रोल” नियम की खुलेआम अनदेखी की जा रही थी।
जहां नियम की अनदेखी हुई
वाटर वर्क्स जीवनी मंडी रोड (हिंदुस्तान पेट्रोलियम और इंडियन ऑयल): यहां बिना हेलमेट पेट्रोल दिया गया।
भगवान टॉकीज़ इंडियन ऑयल पेट्रोल पम्प: यहां भी कई बाइक सवार बिना हेलमेट पेट्रोल लेते दिखे। यहां तक कि एक पुलिसकर्मी भी बिना हेलमेट पेट्रोल भरवाने आया और स्टाफ ने रोकने की कोशिश तक नहीं की।
नेहरू नगर पेट्रोल पम्प: इस पम्प के पास कुछ युवक 10-20 रुपये लेकर अस्थायी तौर पर हेलमेट उपलब्ध करा रहे थे। यह सीधा आगरा ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन था।
जहां नियम का पालन हुआ
भारत पेट्रोलियम, मदिया कटरा रोड: यहां की महिला कर्मचारी ने बिना हेलमेट पेट्रोल देने से साफ मना कर दिया। उन्होंने कहा कि “पेट्रोल पम्प पर हेलमेट नियम” का सख्ती से पालन किया जाता है और बाहर भी नजर रखी जाती है ताकि कोई पैसे देकर हेलमेट किराए पर न दे।
आगरा में सड़क सुरक्षा की चुनौती
महिला कर्मचारी ने माना कि उनकी पूरी कोशिश रहती है कि हर दुपहिया वाहन चालक हेलमेट पहने, लेकिन कुछ लोग नियम से बचने के लिए अस्थायी हेलमेट का इंतज़ाम कर ही लेते हैं।
निष्कर्ष
जांच से साफ है कि आगरा पेट्रोल पम्प जांच में “नो हेलमेट नो पेट्रोल” अभियान का असर केवल एक पम्प तक सीमित है। यदि आगरा यातायात पुलिस और पेट्रोल पम्प संचालक मिलकर सख्ती करें तो यह अभियान वास्तव में दुपहिया वाहन चालकों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकता है।