क्राइम रिपोर्टर ,सचिन सिंह चौहान
आगरा की उटंगन नदी में हुए हादसे के बाद गांववालों में खासा गुस्सा है। गुस्साए लोगों ने एसडीएम की गाड़ी तोड़ दी। भाजपा सांसद और जिलाध्यक्ष का विरोध जताया। फोटो पर कालिख पोत दी। खेरागढ़ के गांव कुसियापुर में दिनभर बवाल हुआ। 13 लोग देवी प्रतिमा विसर्जन करते समय डूब गए।
गुस्साए लोगों ने एसडीएम की गाड़ी तोड़ी, भाजपा नेताओं के पोस्टर पर पोती कालिख
आगरा में दशहरे के दिन देवी प्रतिमा विसर्जन के दौरान उटंगन नदी में डूबे खेरागढ़ के कुसियापुर गांव के 12 में से सात लोग अब भी लापता हैं। शुक्रवार को भी खोज का अभियान जारी रहा, लेकिन घटनास्थल पर देर से पहुंची राहत टीमें और प्रशासनिक निष्क्रियता पर ग्रामीणों का गुस्सा फुट पड़ा।
आक्रोशित ग्रामीणों ने एसडीएम की गाड़ी का शीशा तोड़ दिया। इसके बाद ऊंटगिरि चौराहे पर जाम लगा दिया। इस दौरान भाजपा सांसद राजकुमार चाहर और जिलाध्यक्ष प्रशांत पौनिया के पोस्टर पर कालिख पोत दी।
दोपहर में 1 बजे फिर से जाम लगाकर हंगामा किया। घटनास्थल पर पहुंचे सांसद को भी घेरकर नारेबाजी की गई। राहत कार्य की जिम्मेदारी एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के बाद सेना की 50 पैरा ब्रिगेड की 411 पैरा फील्ड यूनिट को सौंप दी गई। 19 सदस्यीय टीम ने नदी में रात तक ऑपरेशन किया।
बृहस्पतिवार दोपहर करीब 1 बजे गांव के लोग प्रतिमा विसर्जन के लिए प्रशासन के बनाए गए कुंड को छोड़कर 300 मीटर दूर गहरे पानी में चले गए थे। प्रतिमा विसर्जन के दौरान विष्णु (20), ओमपाल (25), गगन (24), हरेश (20), अभिषेक (17), भगवती (22), ओकेश (16), सचिन (26), गजेंद्र (17), मनोज (14), वीनेश (18), करन (21) और दीपक (15) डूब गए।
सात युवक अब भी लापता
विष्णु को तुरंत बचा लिया गया, जबकि बाकी 12 लापता हो गए। रात तक तीन गगन, ओमपाल और मनोज के शव निकाल लिए गए थे। बृहस्पतिवार रात तक सर्च ऑपरेशन जारी रहा। शुक्रवार को सुबह 11 बजे भगवती प्रसाद और दोपहर 12.17 बजे अभिषेक के शव नदी से निकाले गए जिससे मृतकों की संख्या 5 हो गई। 7 युवक अब भी लापता हैं।
घटनास्थल के पास लगाया जाम
शुक्रवार सुबह 7 बजे ग्रामीणों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए घटनास्थल के पास जाम लगा दिया। एसडीएम संदीप यादव के घटनास्थल से जाते ग्रामीण भड़क गए और गाड़ी को घेर लिया। ग्रामीणों ने हंगामा करते हुए पत्थर मारकर शीशा तोड़ दिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने हस्तक्षेप कर स्थिति नियंत्रित की।
जनप्रतिनिधियों का विरोध
वहीं दोपहर 11:30 बजे जब भाजपा सांसद राजकुमार चाहर और जिलाध्यक्ष प्रशांत पौनिया घटनास्थल पर पहुंचे तो लोगों ने उनका विरोध किया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जनप्रतिनिधियों ने हादसे के बाद कोई ठोस मदद नहीं की और सरकार की ओर से किसी प्रकार की आर्थिक सहायता या राहत की घोषणा तक नहीं की गई। इसके बाद खेरागढ़ के ऊंटगिरि चौराहे पर भाजपा के होर्डिंग पर सांसद व जिलाध्यक्ष की तस्वीरों पर कालिख पोतकर नारेबाजी की गई। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ।
देर रात हुआ अंतिम संस्कार
शाम को जब पांचों शव गांव पहुंचे तो शोकाकुल माहौल गुस्से में बदल गया। ग्रामीणों ने अंतिम संस्कार से इन्कार करते हुए फिर से सड़क पर कंडे डालकर जाम लगा दिया। उनका कहना था कि जब तक सभी लापता युवक नहीं मिलते, तब तक कोई अंतिम संस्कार नहीं होगा। बाद में पुलिस अधिकारियों के समझाने के बाद ग्रामीण अंतिम संस्कार के लिए तैयार हुए। रात तकरीबन 9 बजे अंतिम संस्कार कर दिया गया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जताया शोक
सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस दर्दनाक हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया।
उन्होंने प्रशासन को घायलों के समुचित इलाज और राहत कार्य तेज करने के निर्देश दिए, साथ ही शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की।
कब क्या हुआ
– बृहस्पतिवार दोपहर 1 बजे – 13 लोग डूबे थे, एक विष्णु को माैके पर बचा लिया गया। 12 का पता नहीं चला।
– रात 9 बजे – गगन, ओमपाल और मनोज के शव निकाल लिए गए थे।
– शुक्रवार सुबह 6 बजे एसडीएम की गाड़ी को लोगों ने घेर लिया। ईंट मारकर शीशा तोड़ दिया।
– सुबह 7 बजे – ऊंटगिरि चौराहे पर लोगों ने जाम लगा दिया। बाद में कागाराैल चाैराहे पर भी पहुंच गए।
– सुबह 8 बजे – अधिकारियों ने पहुंचकर लोगों को समझाया। इसके बाद ही जाम खोला जा सका।
– सुबह 9 बजे – एनडीआरएफ की टीम पहुंची।
– सुबह 11 बजे – भगवती का शव मिला। पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
– दोपहर में 12:15 बजे – अभिषेक का शव मिल गया।
– दोपहर में 1 बजे – नदी में डूबे 7 और लोगों के नहीं मिलने पर ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने फिर से जाम लगा दिया।
– दोपहर में 1:30 बजे – पुलिस अधिकारियों ने पहुंचकर जाम खुलवाया।
– दोपहर 2:30 बजे – सेना की टीम पहुंची। 19 सदस्यीय दल ने सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया।
– शाम 7:30 बजे – गांव में शव पहुंचे। यह देखकर कोहराम मच गया।
– रात – 9 बजे – पांचों का हुआ अंतिम संस्कार।