क्राइम रिपोर्टर, सचिन सिंह चौहान
फिरोजाबाद में रविवार दोपहर पुलिस अभिरक्षा से फरार दो करोड़ की लूट के मास्टरमाइंड नरेश को रात आठ बजे पुलिस ने मुठभेड़ में ढेर कर दिया। मक्खनपुर क्षेत्र में बाईपास स्थित होटल डीएमआर के पास हुई मुठभेड़ में थाना रामगढ़ के इंस्पेक्टर संजीव दुबे के दाहिने हाथ में गोली लग गई। डीआईजी आगरा शैलेश पांडेय ने पुलिस टीम को 50 हजार का इनाम दिया है। कुख्यात लुटेरे नरेश के साथ हुई मुठभेड़ में चर्चित पुलिस अफसर एसपी देहात अनुज चौधरी बाल-बाल बच गए। नरेश की ओर से की गई फायरिंग में एक गोली अनुज चौधरी की बुलेट प्रूफ जैकेट में जाकर लगी। गोली लगते ही उनको अन्य साथी पुलिसकर्मियों ने संभाला। तत्काल बुलेट प्रूफ जैकेट उतारकर देखी गई। गनीमत रही की गोली जैकेट को भेद नहीं पाई। अनुज चौधरी हाल ही में संभल से ट्रांसफर होकर फिरोजाबाद आए हैं। वह पेशेवर रेसलर हैं और अर्जुन अवार्ड धारक हैं।
“सिंघम” अनुज चौधरी की बुलेटप्रूफ जैकेट पर लगी गोली
दो करोड़ की लूट का मास्टरमाइंड नरेश अपने ही गैंग के अन्य सदस्यों के साथ धोखा कर रहा था। 30 सितंबर को लूट करते समय गिरोह के सभी छह सदस्य जल्दबाजी में जीके कंपनी की कार के एक गोपनीय हिस्से में रखी रकम को लूट ले गए थे। यह रकम सवा करोड़ रुपये के करीब थी। मगर, नरेश को अंदाजा था कि गाड़ी में कुछ और रकम हो सकती है।
उसने कंपनी की कार के चालक दानजी पटेल के साथ अपहरण के दौरान मारपीट की और मुंह में हथियार घुसा कर इस बारे में पूछा। दानजी पटेल ने उसे कार के दूसरे गोपनीय हिस्से में और रकम होने की बात बता दी। इसके बाद नरेश अकेला वापस आया और कार से उस हिस्से में रखे करीब करीब पौने एक करोड़ रुपये को अकेला ले गया और यह बात अपने गैंग के सदस्यों को नहीं बताई।
इस बात का खुलासा शनिवार देर रात पुलिस की कड़ी पूछताछ में नरेश ने खुद किया। इसके बाद पुलिस रात को ही नरेश को लेकर अलीगढ़ के खैर गई और वहां से 20 लाख रुपये और बरामद किए। इसके बाद रविवार सुबह पुलिस को नरेश से पता लगा कि कुछ रकम को उसने घटनास्थल पर ही छिपा दिया था। इस पर पुलिस उसे लेकर रविवार दोपहर करीब एक बजे मक्खनपुर के गांव घुनपई के समीप सर्विस रोड किनारे जा रही थी।
दिन में पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर लगे दाग रात में धुले
फिरोजाबाद। नरेश को पुलिस की जो टीम बरामदगी के लिए घटनास्थल के पास लेकर गई थी, उस टीम को खुद मक्खनपुर इंस्पेक्टर चमन शर्मा लीड कर रहे थे। उनके साथ अन्य तीन पुलिसकर्मी भी थे। मगर, इन सभी की चरा सी चूक ने पुलिस महकमे की दिन में किरकिरी करा दी। मगर रात में मुठभेड़ में उसे ढेर किए जाने पर पुलिस के माथे से यह दाग धुल गया।
फरारी की वारदात के पहले हुए घटनाक्रम ने यह भी साफ कर दिया था कि अपराधी नरेश की यह फरार होने की सोची-समझी साजिश थी, जिसे पुलिस समझ नहीं सकी। दरअसल, नरेश ने सुबह से ही पेट खराब होने की बात पुलिस को बताना शुरू कर दिया था। वह थाने के शौचालय में भी दो बार गया था। इसके बाद उसने पुलिस को बताया कि उसने घटनास्थल के पास ही कुछ रकम छिपा दी थी, पुलिस को उसकी बातों पर यकीन हुआ और उसे लेकर घटनास्थल की ओर रवाना हो गई।
साजिश के तहत नरेश ने पुलिस को रास्ते में पेट खराब होने की बात कहते हुए रोका और झांड़ियों में शौच के लिए चला गया और वहां से पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया। इस मामले में उच्चाधिकारियों का कहना है कि पुलिस की लापरवाही के संबंध में सीओ शिकोहाबाद प्रवीण कुमार तिवारी जांच कर रहे हैं। अगर, पुलिस की जरा भी लापरवाही सामने आई तो कड़ी कार्रवाई तय है।
बस से लेकर ऑटो, कार तक सब खंगाले
पुलिस ने नरेश के फरार होने के बाद हाई अलर्ट घोषित कर दिया। हाईवे से गुजरने वाली सभी बसों, कारों, ऑटो व अन्य वाहनों की चेकिंग की गई। मगर, उसका कहीं सुराग नहीं लगा। इटावा और आगरा बॉर्डर पर भी चेकिंग की गई। मगर, वहां भी उसका कोई सुराग किसी वाहन में नहीं लगा था।
ऐसे हुई थी लूट की वारदात
कानपुर-आगरा नेशनल हाईवे पर 30 सितंबर की सुबह कैश ट्रांसजेक्शन का काम करने वाली गुजरात की जीके कंपनी के कर्मचारी और ड्राइवर 2 करोड़ रुपये लेकर कानपुर से आगरा जा रहे थे। इटावा से पीछे लगे नरेश के गिरोह के बदमाशों ने मक्खनपुर में गांव घुनपई के पास दो कारों से कंपनी के कर्मचारियों को घेर लिया और कर्मियों पर हमला कर हथियारबंद बदमाशों ने नकदी लूट ली और ड्राइवर दानजी पटेल का अपहरण कर ले गए थे। एसएसपी सौरभ दीक्षित की अगुवाई में लगी छह पुलिस टीमों ने सीसीटीवी फुटेज और कार नंबरों की मदद से शनिवार शाम को मास्टरमाइंड नरेश सहित छह बदमाशों को मक्खनपुर क्षेत्र में पायनियर पुल के पास से गिरफ्तार किया था। पुलिस ने उनके पास से 1.05 करोड़ रुपये, लूट की रकम से खरीदा गया नया आईफोन मोबाइल और एक लाख की बाइक खरीद की रसीद बरामद की थी।यूपी पुलिस ने बीते आठ दिनों में नरेश को मिलाकर तीन अपराधी एनकाउंटर में ढेर किया।