सचिन सिंह चौहान | आगरा
शनिवार रात करीब 10 बजे नाराज़ कर्मचारी एकजुट हुए और सभी बूम बैरियर (गेट) खोल दिए। उस समय धनतेरस का दिन था, जिससे एक्सप्रेस-वे पर गाड़ियों की संख्या सामान्य दिनों से तीन से चार गुना ज्यादा थी। जब गाड़ियां बिना रुके गुजरने लगीं तो टोल मैनेजर ने कर्मचारियों को समझाने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं बनी। इसके बाद पुलिस को बुलाया गया। पुलिस मौके पर पहुंची। मगर कोई सख्त कार्रवाई नहीं की।
2 घंटे तक बंद रहा टोल
दिवाली के मौके पर लगभग सभी कंपनियां अपने कर्मचारियों को बोनस और तोहफे देती हैं। दिवाली नजदीक आते ही हर कर्मचारी के मन में यह सवाल होता है कि इस साल उन्हें कितना बोनस मिलेगा? दरअसल, कुछ कंपनियां कर्मचारियों को नकद बोनस देती हैं, तो कुछ कंपनियां वाउचर देती हैं। हालांकि, उत्तर प्रदेश के फतेहाबाद टोल टैक्स कर्मचारियों ने दिवाली बोनस कम मिलने पर नाराजगी जाहिर की है। इसके चलते धनतेरस के दिन आगरा में लखनऊ एक्सप्रेसवे से हजारों वाहन बिना टोल दिए गुजर गए।
धनतेरस की रात कर्मचारियों ने खोले टोल गेट, दो घंटे तक बंद रहा संचालन; कंपनी को हुआ 25–30 लाख रुपए का नुकसान
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर फतेहाबाद टोल प्लाजा के कर्मचारियों को दिवाली बोनस के तौर पर 1100 रुपये मिले थे। इसी कारण कर्मचारी नाराज हो गए और धरने पर बैठ गए। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर टोल संचालन का ठेका श्री साईं एंड दातार कंपनी के पास है।
कर्मचारियों ने बताया कि पिछले साल कंपनी ने 5000 रुपये का बोनस दिया था। इस बार उनके साथ धोखा हो रहा है। टोल फ्री होने की जानकारी जब अधिकारियों को हुई तो उन्होंने संपर्क किया, लेकिन कोई समझौता नहीं हुआ। दूसरे टोल प्लाजा पर काम करने वाले कर्मचारियों को संचालन संभालने के लिए बुलाया गया, लेकिन स्थानीय कर्मचारियों ने उन्हें काम नहीं करने दिया।
टोल कर्मचारियों और अधिकारियों के बीच हुई बातचीत
इसके बाद पुलिस फतेहाबाद टोल प्लाजा पर पहुंची, तो उन्होंने शांति बनाए रखने और प्रदर्शनकारी मजदूरों और टोल कंपनी के अधिकारियों के बीच बातचीत शुरू करने में मदद की। फिर टोल अधिकारियों ने कर्मचारियों को स्थिति में सुधार का आश्वासन दिया और उनकी मांगों पर चर्चा की। टोल कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों ने तत्काल समाधान के तौर पर 10 फीसदी वेतन में बढ़ोतरी का वादा किया। इस आश्वासन के बाद, कर्मचारी काम पर लौटने को तैयार हो गए और दो घंटे के बाद टोल पर सामान्य परिचालन शुरू हो गया।
कंपनी को लाखों का नुकसान
अधिकारियों ने कर्मचारियों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं माने और टोल प्लाजा से वाहन गुजरते रहे। धरना प्रदर्शन करने वालों में मिंटू सिंह धाकरे, रामकुमार केशव सिंह गुर्जर, शिवकुमार, सचिन गोस्वामी, दिलीप पांडे, अतुल आदि रहे। दातार कंपनी के जनरल मैनेजर संजय सिक्का और कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर कृष्णा जुरैल ने बताया कि करीब 5 हजार गाड़ियां बिना टोल दिए निकल गईं। गाड़ियों की स्पीड ज्यादा होने के कारण फास्टैग स्कैन नहीं हो पाया। आगरा से लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर एक तरफ का टोल 665 रुपए है। ऐसे में कंपनी को करीब 25 से 30 लाख रुपए का नुकसान हुआ।