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जहांगीरपुरी में बुलडोजर पर अगले आदेश तक प्रतिबंध, यूपी सरकार से मांगा गया जवाब

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जहांगीरपुरी में बुलडोजर पर अगले आदेश तक प्रतिबंध, यूपी सरकार से मांगा गया जवाव

नई दिल्ली :- जैसे कि आप सभी को मालूम ही है कि हनुमान जयंती के अवसर पर दिल्ली के जहांगीरपुरी में मुस्लिम बाहुल्य के में शोभा यात्रा पर पथराव किया गया जिसके चलते दंगे जैसे हालात खड़े हुए और परिस्थितियां संभालना मुश्किल हो गया। इसके बाद सरकार द्वारा अवैध अतिक्रमण पर जबरजस्त कार्रवाई की गई।सुप्रीम कोर्ट ने जहांगीरपुरी में बुलडोजर से अवैध निर्माण ध्वस्तीकरण के मामले में बृहस्पतिवार को अगले आदेश तक यथास्थिति रखने के आदेश दिए हैं। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कार्रवाई करते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को भी नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। शीर्ष अदालत ने साफ किया कि अन्य राज्यों में इस तरह की कार्रवाइयों पर एकतरफा रोक का आदेश नहीं दिया जा सकता।

आपको बता दें कि जमीअत उलमा ए-हिंद की याचिका पर शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार मध्यप्रदेश और गुजरात सरकार को भी नोटिस जारी किया है । क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी एनडीएमसी की कार्रवाई जारी रहने पर यह संज्ञान लिया गया है। पीठ के मेयर ने 2 हफ्ते में हलफनामे पर जवाब मांगा है अगली सुनवाई 2 हफ्ते के बाद 9 मई को होगी। सीजेआई के निर्देश पर पीठ ने दो याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की है, एक याचिका में जहांगीरपुरी में तोड़फोड़ दूसरी यूपी मध्यप्रदेश और गुजरात में बुलडोजर चलाने का मुद्दा था।

पीठ ने नगर निगम से भी यह तल्ख सवाल

 

 

 

 

पीठ के मुताबिक क्या नगर निगम को स्टॉल, कुर्सी मेज हटाने के लिए बुलडोजर की आवश्यकता पड़ती है ?



एनडीएमसी की ओर से सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने जानकारी देते हुए कहा कि कानून के अनुसार सड़क से स्टॉल कुर्सी मेज हटाने के लिए नोटिस की जरूरत ही नहीं पड़ती। पीठ ने पूछा तो बुलडोजर की आवश्यकता होती है। जस्टिन राव ने पूछा क्या जहांगीरपुरी में सिर्फ स्टॉल ,मेज उसी में जो को हटाया गया है ? मेहता बोले सड़क व फुटपाथ पर जो भी था उसे हटाया गया ।

इमारतों के लिए एनडीएमसी ने नोटिस जारी किए :  मेहता

जनरल मेहता ने कहा कोर्ट बिल्कुल सही कह रही है, बुलडोजर की आवश्यकता इमारतें गिराने के लिए ही होती है। जानकारी के अनुसार एनडीएमसी ने इमारतों के अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस जारी किए थे। जहांगीरपुरी में विध्वंस अभियान 19 जनवरी को शुरू हुआ था। फरवरी-मार्च भी चला गया दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर अभियान चलाया जा रहा है । इस पर जस्टिस गवई ने कहा कानून में कोई भी काम करने का अपना तरीका होता है। उसे वैसे ही किया जाना चाहिए अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस जारी होता है ,दूसरे पक्ष की अपील के लिए 5 से 15 दिन का वक्त मिलता है।क्या ऐसा हुआ है इस पर मेहता ने दोहराया नोटिस जारी हुए हैं जस्टिस राव ने जूस की दुकान करने वाले गणेश गुप्ता के वकील संजय हेगड़े से पूछा कि आपके मुअक्किल को नोटिस मिला क्या उनके स्टाल, कुर्सी  सड़क पर थे।

सोर्स :- अमर उजाला

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