क्राइम रिपोर्टर, सचिन सिंह चौहान
आगरा।दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुए दर्दनाक हादसे के छठवें दिन मंगलवार को राहत और सर्च टीमों को सफलता मिली। उटंगन नदी में डूबे सभी 12 लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं। यह जानकारी पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने दी। उन्होंने बताया कि सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की संयुक्त टीमों ने लगातार छह दिनों तक तलाशी अभियान चलाया।
मंगलवार को सुबह सचिन उर्फ महावीर, दोपहर में दीपक, और फिर गजेंद्र व हरेश के शव मिले। इसके साथ ही सभी शवों की बरामदगी पूरी हो गई। स्थानीय लोगों का आरोप है कि हादसा अवैध खनन से बने गहरे गड्ढे के कारण हुआ। जांच में सामने आया कि उटंगन नदी में करीब 25 फीट गहरा और छह मीटर चौड़ा गड्ढा था, जिसमें युवक फंस गए।
सोमवार को बचाए गए युवक विष्णु की मदद से सेना और एनडीआरएफ ने हादसे की घटना को जांच के लिए दोहराया। विष्णु ने मौके पर जाकर बताया कि युवक किस स्थान पर डूबे थे। जब मोटरबोट उस स्थान पर पहुंची तो जवानों को अचानक पानी की गहराई का एहसास हुआ—यही ‘मौत का गड्ढा’ था, जहां अब तक आठ शव मिले थे।
हादसा 2 अक्टूबर को खेरागढ़ थाना क्षेत्र के डूंगरवाला गांव में हुआ था, जब कुसियापुर गांव के 13 युवक दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान नदी में उतर गए। इनमें से विष्णु को सुरक्षित निकाल लिया गया था, जबकि बाकी युवक डूब गए।
छह दिनों तक सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें दिन-रात सर्च ऑपरेशन में लगी रहीं। नदी के तेज बहाव और गहराई के कारण अभियान बेहद चुनौतीपूर्ण रहा।
जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी, पुलिस आयुक्त दीपक कुमार सहित प्रशासनिक अधिकारी लगातार मौके पर मौजूद रहे और राहत कार्य की निगरानी करते रहे।