क्राइम रिपोर्टर, सचिन सिंह चौहान
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Toggleआगरा नगर निगम की महिला कर्मचारी ने निगम के भूतपूर्व कर्मचारी 70 वर्ष के वृद्ध से की अभद्रता
आगरा नगर निगम से सेवनिवृत श्री विजेंद्र कुशवाहा शुक्रवार दोपहर आगरा नगर निगम (Agra Municipal Corporation) अपने किसी कार्य से गए थे। श्री विजेंद्र कुशवाहा ने बताया कि उन्होंने श्रीमती रज़िया बेलदार पर आगरा नगर निगम ( निर्माण विभाग ) में कार्यरत है। इसके सम्बन्ध में श्री विजेंद्र कुशवाहा ने आगरा नगर निगम से इसके सम्बन्ध में जानकारी के लिए पत्र प्रेषित किये है। लेकिन आगरा नगर निगम के निर्माण विभाग में शुक्रवार दोपहर को श्रीमती रज़िया ने सेवानिवृत श्री विजेंद्र कुशवाहा को हड़काया निर्माण विभाग के बाबू अपने विभाग कि महिला कर्मचारी द्वारा किसी वृद्ध को हड़काने का दृश्य देखकर खुश हो रहे थे। ये देखकर अपने विभाग में ये बोल रहे थे कि रज़िया सही कहा तूने उस बुड्ढे से कि कब्र में पैर है। क्योंकि निर्माण विभाग के बाबू श्रीमती रज़िया का सहयोग भी करते है। श्रीमती रज़िया के कहने पर राजा दलाल उसके साथियों की आगरा नगर निगम में पकडे जाने पर मदद भी करते है।

श्री विजेंद्र कुशवाहा ने आगरा नगर निगम से महिला कर्मचारी श्रीमती रज़िया से सम्बंधित मांगी थी जानकारी
1-श्रीमती रजिया बेलदार पद पर निर्माण विभाग में कार्यरत है। लेकिन बिना किसी योग्यता के बाबू पद का कार्य किसके आदेश पर श्रीमती रज़िया से कराया जा रहा है। अगर आगरा नगर निगम कार्यालय से कोई आदेश हुआ है कि श्रीमती रज़िया अपने पद का कार्य न कर बाबू पद का कार्य करें। उस आदेश की छायाप्रति प्राप्त कराया जाये।
2-आगरा नगर निगम (निर्माण विभाग) में 4 से 5 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कार्यरत है। कुछ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अपने पद का ही कार्य रहे है। लेकिन श्रीमती रज़िया भी चतुर्थ श्रेणी पद पर है। श्रीमती रज़िया को अधिकार कैसे मिल सकता है, कि वह किसी भी कर्मचारी को आदेश दे सकती है। श्रीमती रजिया को अलग से सीट,अलमारी भी है। किसी भी कर्मचारी को डांक के लिए भेज सकती है।
आय से अधिक संपत्ति का आरोप – श्रीमती रजिया बेलदार पर कार्यरत है। फिर उनके पास 35 लाख घर, कार और दुपहिया वाहन है। जबकि आगरा नगर निगम में हम भी कर्मचारी थे। सारी ज़िन्दगी हम साइकिल से नौकरी किया।
4-श्री विजेंद्र कुशवाहा ने आगरा नगर निगम से यह भी जानकारी लिया कि मृतक आश्रित कोटे में सरकारी कर्मचारी की मृत्यु के बाद मृतक के पुत्र या पत्नी को नियुक्ति दी जाती है। लेकिन मृतक आश्रित कोटे में नियुक्ति मिलने के बाद पत्नी शादी कर सकती है या नहीं इसके सम्बन्ध में आदेश है तो मुझे अवगत कराया जाये।
5- आगरा नगर निगम में दलालों के सम्बन्ध में कई बार पुलिस ने कार्यवाही भी की लेकिन राजा दलाल उसके साथियों को अभी तक आगरा नगर निगम से रोका नहीं गया बल्कि दलालों को बचाने के लिए श्रीमती रज़िया को पहले से ही सूचना मिल जाती है।
श्रीमती रजिया की आय से अधिक संपत्ति कि शिकायत के सम्बन्ध में नगर निगम के अधिकारियों ने बताया श्रीमती रज़िया को जांच से बचने का रास्ता
श्री विजेंद्र कुशवाहा कहा कि श्रीमती रजिया का आगरा नगर निगम (निर्माण विभाग) बेलदार पद पर कार्यरत है। 14 साल की नौकरी में एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की इतनी सैलरी नहीं है,कि वह 35 लाख का फ्लैट, कार और दुपहिया वाहन खरीद सकता है। इसके सम्बन्ध में आगरा नगर निगम के अधिकारियों के सलाह पर श्रीमती रज़िया ने कहा कि घर मैंने लोन पर लिया है। कार और दुपहिया वाहन मेरे भाई ने गिफ्ट किया है। जबकि श्री विजेंद्र कुशवाहा जी का कहना है। श्रीमती रज़िया आगरा नगर निगम के विभाग से 3000 से 4000 रूपये प्रतिदिन वसूलती है। कार्यवाही से बचने के लिए घर पर फाइनेंस करवाया है।
श्री विजेंद्र कुशवाहा का कहना है,कि अगर श्रीमती रज़िया का आगरा नगर निगम से ट्रांफर होता है,तो आगरा नगर निगम में दलाल हो जायेगे बेरोजगार
श्री विजेंद्र कुशवाहा ने बताया कि श्रीमती रज़िया का 2018 में आगरा नगर निगम संपत्ति विभाग से निर्माण विभाग में हुआ था। उस समय से कई कर्मचारियों के ट्रांसफर हुए। किसी-किसी कर्मचारी के 2 से 3 बार भी हुए। लेकिन श्रीमती रज़िया का आज तक ट्रांसफर नहीं हुआ इस बार ट्रांसफर हुआ तो दलालों ने अधिकारियों के कार्यालय के चक्कर लगाकर ट्रांसफर रुकवाया गया और दलालों से चेहरे खिल उठे क्योंकि श्रीमती रज़िया खुद दलालों से कार्य करवाती जैसे जन्म-मृत्यु के सर्टिफिकेट, हउस टैक्स, श्रम का चालान, निर्माण कार्य के एग्रीमेंट और रोड कटिंग की एन. ओ.सी के कार्य दलालों के माध्यम से कार्य जाता लेकिन इन दलालों को पुलिस से पकड़वाने के बाद भी आज तक आगरा नगर निगम रोक नहीं लगा पाए क्योंकि इन दलालों की मदद श्रीमती रज़िया करती है।
श्री विजेंद्र कुशवाहा ने ही पूछ लिया क्राइम रिपोर्टर से सवाल
JantaNow के क्राइम रिपोर्टर श्री विजेंद्र कुशवाहा से शिकायत के सम्बन्ध में बात कर रहे थे। श्री विजेंद्र कुशवाहा ने पूछा कि पत्रकार जी आप भी पहले आगरा नगर निगम में निर्माण विभाग में कार्य करते थे। अब आप आगरा नगर निगम में कार्य नहीं करते क्यों? क्राइम रिपोर्टर ने जवाब दिया कि मैंने कार्य छोड़ दिया। श्री विजेंद्र कुशवाहा ने कहा कि आपने यहां से कार्य खुद छोड़ा है या आपको खुद आगरा नगर निगम के अधिकारियों निकाला इसकी वजह मुझे पता है। क्योंकि मुझे आपकी भी पूरी जानकारी है। कि आगरा नगर निगम में कोई परेशान व्यक्ति या निर्धन परिवार से आता था आप उन लोगों कि मदद करते थे। उन लोगो को आगरा नगर निगम में दलालों का शिकार नहीं होने देते थे। तुमको हटाने के लिए आगरा नगर निगम (निर्माण विभाग ) के अधिशासी अभियंता श्री आर.के. सिंह ने कहा था कि ये लड़का आगरा नगर निगम नहीं आना चाहिए। अधिशासी अभियंता श्री आर.के. सिंह दलालों को दलाल नहीं बोलते दलालों को मुंशी कहते है। कहा कि ये लड़का आगरा नगर निगम में कल से दिखना नहीं चाहिए ये मुंशी लोगों की आये दिन शिकायत करता है।
