रिपोर्ट,दिलीप कुमार
बस्ती(कप्तानगंज ) – जिला पंचायत राज अधिकारी / डीपीआरओ एवं सहायक विकास अधिकारी / एडीओ पंचायत की मिलीभगत से विकासखण्ड कप्तानगंज में अधिकतर सफाईकर्मी नियुक्ति से लेकर आज तक एक ही ग्राम पंचायत में तैनात रहकर मलाई काट रहे है । अधिकतर सफाईकर्मियों का तैनात ग्राम पंचायतों से भी नही 15 वर्षों में एक भी बार स्थानांतरण नही हो पाया है जिसको लेकर पूरे जिले में तरह – तरह की चर्चाएं चल रही है । डीपीआरओ और एडीओ पंचायत द्वारा धड़ल्ले से स्थानांतरण नीति की धज्जियां उड़ाई जा रही है । स्थानांतरण नीति के अनुसार कोई भी अधिकारी / कर्मचारी एक ही स्थान पर / एक कार्यालय में 03 वर्षों तक कार्यरत रह सकता है । 03 वर्षों से अधिक समय पूर्ण होने पर अन्य स्थान / दूसरे कार्यालय में समस्त अधिकारी / कर्मचारी का स्थानांतरण कर दिया जाता है।
शासन द्वारा जारी स्थानांतरण नीति का पालन करने में डीपीआरओ एवं एडीओ पंचायत कन्नी काट रहे है । किस शासनादेश के अनुसार नियुक्ति से आज तक अर्थात् 15 वर्षों से एक ही ब्लाक / एक ही ग्राम पंचायत में तैनात सफाईकर्मी मलाई काट रहा है जो एक जांच का विषय बना हुआ है ।
जहा एक तरफ प्रदेश सरकार दिन प्रतिदिन तरह – तरह की कानून बनाकर भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश बनाने का प्रयास कर रही है वही दूसरी तरफ डीपीआरओ एवं एडीओ पंचायत द्वारा मनमानी कार्य करके सरकार की मंशा पर पानी फेर रहे हैं ।
सूत्रों की माने तो 15 वर्षों से एक ही ग्राम पंचायतों में तैनात सफाईकर्मियों द्वारा एडीओ पंचायत के माध्यम से डीपीआरओ को प्रतिमाह सुविधा शुल्क दिया जाता है। ताकि सफाईकमियों की एक ही स्थान पर तैनाती बने और सफाईकर्मियों की एक स्थान पर तैनाती बने रहने पर ग्राम पंचायतों में साफ – सफाई का कार्य नही करना पड़ेगा । जिन सफाईकर्मियों द्वारा एडीओ पंचायत के माध्यम से डीपीआरओ को सुविधा शुल्क नहीं दिया जाता है उनका स्थानांतरण 01 वर्ष में 04 बार ग्राम पंचायतों में किया जाता है ।
विकासखण्ड कप्तानगंज में किसी – किसी ग्राम पंचायतों में राजस्व गांवों से अधिक सफाई कर्मी की तैनाती है और किसी – किसी ग्राम पंचायतों में राजस्व गांवों में सफाईकमियों में तैनाती नही की गई है । विकासखण्ड कप्तानगंज में सफाईकर्मियों के डियूटी / स्थानांतरण में बड़ा खेल चल रहा है । आज तक जितने भी एडीओं पंचायत कप्तानगंज ब्लाक पर आये है उनके द्वारा कभी भी ग्राम पंचायतों में साफ सफाई की जांच नही की गई है और न ही ग्राम पंचायतों में तैनात सफाईकर्मियों के डियूटी की जांच की गई है चाहे सफाईकर्मी ग्राम पंचायत में समय से डियूटी / साफ – सफाई कार्य करे या न करे । इसकी चिन्ता एडीओ पंचायत को नही रहती है ।
ब्लाक मुख्यालय पर बैठ कर फर्जी सफाईकर्मियों का पेरोल प्रमाणित कर दिया जाता है और फर्जी पेरोल प्रमाणित करके अपनी जेब गर्म कर लिया है । उक्त प्रकरण में जिलाधिकारी रवीश गुप्ता ने कहा कि यदि विकासखण्ड कप्तानगंज में स्थानांतरण नीति का पालन नही हो रहा है तो यह गलत है जल्द ही जांच कराई जाएगी मामला सही पाये जाने पर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी ।
