Hathras Stampede : उत्तर प्रदेश के हाथरस में भगदड़ के 24 घंटे बाद भोले बाबा ने लेटर जारी कर पहला बयान जारी किया है।यह बयान उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के वकील एपी सिंह के ने लेटर जारी कर दिया है जिसमें लिखा कि मैं जब समागम से निकल गया, इसके बाद हादसा हुआ। असामाजिक तत्वों ने भगदड़ मचाई। इन लोगों के खिलाफ लीगल एक्शन लूंगा। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।

अपको बताते चले कि सत्संग के बाद हुई भगदड़ में 121 लोगों की मौत होने का अनुमान लगाया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ इनमें 112 महिलाएं, 7 बच्चे ओर 3 पुरुष बताए गए हैं। 4 जिलों- हाथरस, अलीगढ़, एटा और आगरा में रातभर शवों का पोस्टमॉर्टम किया गया । परिजन अपनों की लाश को लेकर इधर-उधर भटकते रहे। प्रशासन ने अब तक 121 मौत की पुष्टि की है।
यह दुखद हादसा मंगलवार दोपहर 1 बजे फुलरई गांव में हुआ। बुधवार सुबह साढ़े 11 बजे सीएम योगी भी हाथरस पहुंचे। जहा उन्होने जिला अस्पताल में घायलों से मुलाकात की और घटनास्थल पर गए। आला अफसरों से इस दुखद हादसे की जानकारी ली।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा- यह हादसा कम साजिश ज्यादा लग रही है। लोग मरते गए, सेवादार वहां से भाग गए। भोले बाबा के सेवादारों ने ना तो प्रशासन को सूचना दी और न ही मदद की। प्रशासन की टीम जब पहुंची तो सेवादारों ने उन्हें आगे जाने नहीं दिया। हमने भी कुंभ जैसे बड़े आयोजन किए, लेकिन ऐसी चीजें नहीं हुईं।
सीएम ने क्या कहा? जांच के लिए SIT का गठन किया है। हाईकोर्ट के रिटायर जज बृजेश कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन कर दिया है। आयोग दो माह में अपनी जांच पूरी करने के बाद राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंप देगा।
हाथरस हादसे में प्रशासन की पहली रिपोर्ट सामने आई। इसमें कहा गया है कि हादसा भोले बाबा के चरणों की धूल लेने की वजह से हुआ। बाबा के सेवादारों ने लोगों से धक्का-मुक्की की। इससे भगदड़ मच गई।
मंगलवार देर रात हादसे में 22 लोगों के खिलाफ सिकंदराराऊ थाने के दरोगा ने FIR दर्ज कराई। इसमें मुख्य आयोजक देव प्रकाश मधुकर का नाम है। बाकी 21 लोग अज्ञात हैं। चौंकाने वाली बात है कि इसमें मुख्य आरोपी “भोले बाबा” उर्फ “हरि नारायण साकार” का नाम ही नहीं है। पुलिस मैनपुरी में बाबा के आश्रम में पहुंची, लेकिन वह नहीं मिला।
मरने वालों में महिलाओं और बच्चों की संख्या ज्यादा- बाबा के भक्तो में 90 फीसदी महिलाएं हैं। चरण की धूल लेने के लिए महिलाएं दौड़ीं और तभी भगदड़ मची। भगदड़ में गिरीं तो उठ नहीं पाईं और लोग कुचलते निकल गए। इसलिए मरने वालों में महिलाएं सबसे अधिक हैं।
ऐसे हुआ हादसा– सत्संग खत्म होने के बाद भोले बाबा निकले, तो चरण रज लेने के लिए महिलाएं एक साथ टूट पड़ीं। भीड़ हटाने के लिए वॉलेंटियर्स ने वाटर कैनन का उपयोग किया। बचने के लिए लोग इधर-उधर भागने लगे और भगदड़ मच गई। लोग नीचे गिरी हुई महिलाएं और बच्चों की परवाह किए बगैर लोग एक-दूसरे को रौंदते हुए आगे बढ़ने लगे। जिससे पूरे मैदान में चीखपुकार मच गई और हर कोई अपनी जान बचाने के लिए दूसरे की जान की परवाह किए बिना इधर-उधर भागने लगा।
Table of Contents
Toggle80 हजार की परमिशन, पहुंचे ढाई लाख भक्त
FIR के मुताबिक, प्रशासन ने सत्संग के लिए 80 हजार लोगों की अनुमति दी थी, लेकिन ढाई लाख लोग पहुंच गए। भगदड़ हुई तो सेवादार गेट पर खड़े हो गए। उन्होंने लोगों को रोक दिया। इसके बाद भीड़ खेतों की तरफ मुड़ गई और नीचे बैठे और झुके श्रद्धालुओं को कुचलती हुई निकल गई। प्रशासन और सेवादार खड़े होकर देखते रहे। क्योंकि भीड़ के मुकाबले सेवादारों की संख्या काफी कम थी , इसके अलावा प्रशासन को 80000 लोगों के आने की सूचना दी गई थी लेकिन ढाई लाख लोग एक साथ आने से प्रशासन की व्यवस्थाएं भी ना काफी साबित हुई । कहीं ना कहीं इस हादसे में प्रशासन की भी लापरवाही देखने को मिली इतनी भीड़ होने की बावजूद भी एंबुलेंस की व्यवस्थाएं नहीं थी पुलिस फोर्स भीड़ के मुकाबले काफी कम था।

Author: भूपेन्द्र सिंह कुशवाहा
पेशे से पत्रकार , इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया एवं विभिन्न न्यूज़ पोर्टल का अनुभव, सभी चैनलों का अपना अपना एजेंडा लेकिन मेरी विचारधारा स्वतंत्र पत्रकार की "राष्ट्र हित सर्वप्रथम"
