नई दिल्ली – (how to make aadhar card for kids) बच्चों का आधार कार्ड कैसे बनाएं । बच्चों के आधार कार्ड के लिए आवेदन कैसे करें। How to Apply for Aadhar Card for Children। अब नवजात बच्चे का भी आधार कार्ड बनेगा. यह आधार कार्ड अस्थायी होगा. बाद में इसे स्थायी किया जाएगा. एक नए नियम के मुताबिक, आधार कार्ड को डेथ रिकॉर्ड के साथ जोड़ा जाएगा ताकि डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर में कोई धांधली न रहे.
ऐसी शिकायतें आती हैं कि लाभार्थी की मृत्यु हो जाने के बाद उससे जुड़ी स्कीम का फायदा कोई और उठा लेता है. डेथ रिकॉर्ड से आधार जुड़ते ही इस तरह की अनियमितता पर रोक लग जाएगी. नवजात बच्चे के लिए अस्थायी आधार कार्ड की जहां तक बात है तो बच्चा जब 5 साल का होगा तो अस्थायी आधार कार्ड (Temporary Aadhaar Card) को स्थायी आधार में बदल दिया जाएगा.
How to Apply for Aadhar Card for Children | बच्चों के आधार कार्ड के लिए आवेदन कैसे करें
आधार की सरकारी एजेंसी यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) अस्थायी आधार और डेथ रिकॉर्ड से आधार को लिंक करने पर काम कर रही है. यूआईडीएआई आधार से जुड़े दो नए पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च करने जा रही है. प्रोजेक्ट के अंतर्गत आधार को जन्म से लेकर निधन तक जिंदगी का अहम हिस्सा बनाया जाएगा. जन्म के समय ही अगर बच्चे का आधार बनाया दिया जाए तो उससे जुड़ी हर स्कीम में पारदर्शिता आएगी. बच्चे का हक या अधिकार कोई और नहीं मार पाएगा. कुछ ऐसी ही पारदर्शिता किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद भी देखी जाएगी.
How to Apply for Aadhar Card for Children
लाभार्थी की मृत्यु के बाद उससे जुड़ी स्कीम या डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर में धांधली न हो, पेंशन आदि कोई और न उठाए, राशन उठाने में गड़बड़ी न हो, इसके लिए डेथ रिकॉर्ड को भी आधार से जोड़ा जाएगा. कैसे बनेगा परमानेंट आधार ‘बिजनेस इनसाइडर‘ की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि नवजात बच्चे और डेथ रजिस्ट्रेशन रिकॉर्ड को बहुत जल्द आधार से जोड़ा जाएगा. जन्म के समय ही नवजात बच्चे को अस्थायी आधार दिया जाएगा. बाद में बच्चा जब 5 साल का हो जाएगा तो उसके बायोमेट्रिक डेटा को रिन्यू किया जाएगा. अस्थायी आधार को स्थायी में तब्दील कर दिया जाएगा.
घर बैठे बच्चे का आधार कार्ड कैसे बनाएं | How to make Aadhar card of child sitting at home?
इससे बच्चे को सरकार की हर उस योजनाओं का लाभ मिल सकेगा जो उसके लिए जारी की जाती है. बच्चे का परिवार भी उन सभी योजनाओं का लाभ ले सकेगा और इस पर आधार संख्या के जरिये निगरानी रखी जा सकेगी.
किसी प्रकार की अनियमितता पर रोक लगाने में मदद मिलेगी. ऐसे लिया जाएगा बच्चों का बायोमेट्रिक डेटा बच्चों का बायोमेट्रिक डेटा तब लेते हैं जब उनकी उम्र 5 साल हो जाती है. पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत यूआईडीएआई की टीम घर-घर में जाकर उन बच्चों के बायोमेट्रिक डेटा जुटाएगी जिनकी उम्र 5 साल हो गई है.
5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए आधार कार्ड | Aadhar card for children below 5 years of age
इसी आधार पर इन बच्चों को परमानेंट आधार दिया जाएगा. इसके बाद बच्चा जब 18 साल का हो जाएगा तो फिर उसका बायोमेट्रिक अपडेट किया जाएगा. इसके बाद बायोमेट्रिक डेटा हमेशा के लिए एक समान रहेंगे और उसी आधार पर जिंदगी भर काम होगा. आधार के जरिये कई तरह की डुप्लिकेसी को खत्म करने की तैयारी चल रही है.
इसके तहत किसी व्यक्ति के आधार कार्ड को उस व्यक्ति के अन्य डॉक्युमेंट के साथ क्रॉस चेक किया जाएगा. जैसे ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, पैन आदि के साथ आधार को क्रॉस चेक किया जाएगा. रिपोर्ट में एक अधिकारी के हवाले से लिखा गया है, आधार की क्रॉस चेकिंग का काम पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पहले से ही शुरू हो चुका है और अभी यह प्रोग्रेस में है. इसका मकसद यही है कि एक व्यक्ति को एक ही आधार नंबर जारी किया जाए ताकि सरकारी खर्च न बढ़े और सरकारी फंड की बंदरबांट रुके.