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International Yoga 2023 : विश्व कल्याण और जगत उत्थान की राह प्रशस्त कर रहा है योग का विज्ञान

बागपत/यूपी। International Yoga 2023 भारत ने संस्कृति और परंपरा के संचित ज्ञान कोष से विश्व को अनेकों अनुकरणीय अभ्यासों से परिचित कराया जिसको अपनाने पर एक बहुत बड़ी आबादी आज भी विश्व कल्याण और जगत उत्थान में अपना योगदान देते हुए समृद्ध जीवन व्यतीत कर रही है। विश्वभर में 9वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को मनाने की तैयारियां जोरों पर है, इसी संदर्भ में हम इस आलेख में योग के विभिन्न आयामों पर बात करेंगे।



प्राचीन समय से ही भारत में स्वास्थ्य की महत्ता को बढ़ावा दिया जाता रहा है। प्राचीन भारतीय दर्शन में स्वास्थ्य को सबसे बड़ी संपत्ति के रूप में उल्लेखित किया गया है जो भारतीय संस्कृति के आधार में निहित मानव कल्याण के उद्देश्य को स्पष्ट करता है। इसी विचार के अनुरूप आज भी एक बड़ी संख्या में लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होकर योग से स्वस्थ जीवनशैली को अपना रहे है।योग के विज्ञान में साधक को स्वयं की समझ विकसित करने पर जोर दिया जाता है जिसके अंतर्गत अपने विचारों को समझने, मन को शांत करने, ऊर्जा स्रोत से जुड़ने, स्वयं से मिलने, जीवन का उद्देश्य समझने की प्रक्रिया शामिल है। इन सभी प्रक्रियाओं के अंतर्गत साधक की चेतना के स्तर में वृद्धि होने के साथ साथ उसमें बुद्धि, विवेक, बल का अपूर्व विकास होता है।

International Yoga 2023



योगाभ्यास के अंर्तगत हम अपनी आंतरिक दुनिया का निर्माण करते है जिसके अंतर्गत शांति ग्रहण करने से लेकर अपने मानव जीवन के वास्तविक उद्देश्य का एहसास कर पाते है। इसी प्रक्रिया से हम विश्व के प्रति एक गहन संवेदना का विकास करते हुए विश्व कल्याण के लिए अपनी प्रतिबद्धता को मजबूती देते है। परिणामस्वरूप विश्व कल्याण की प्रक्रिया को गति मिलती है।योग को अपनाने से हम अपनी संस्कृति और परंपरा के संरक्षण में योगदान देने के साथ साथ प्रकृति अनुकूल दिनचर्या को भी बढ़ावा देते है क्योंकि स्वस्थ जीवनशैली न अपनाने पर विभिन्न बीमारियों का जीवन में आगमन होता है जिनके समाधान के लिए जीवों को नुकसान पहुंचाकर दवाइयों का निर्माण किया जाता है। योग के विज्ञान से प्रकृति संरक्षण को बढ़ावा मिलता है।



उड़ान युवा मंडल अध्यक्ष अमन कुमार

योग से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है जिसके अनुरूप हमारे विकास और उन्नति को गति मिलती है। जीवन के सभी आयामों में सफलता के लिए योग का विज्ञान बेहद महत्वपूर्ण है। योग से हम अपने रिश्तों में सुधार करने से लेकर अधिक समृद्ध जीवन जीने जैसे फायदे ले सकते है। योग से हमारी कीर्ति बढ़ने के साथ साथ हमारे कर्मों में कुशलता आती है जो हमारा स्वाभिमान बढ़ाता है।योग से विश्व कल्याण और जगत उत्थान के प्रयासों में हर कोई अपना योगदान देकर सहभागी बन सकता है। आइए इस 9वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के शुभ अवसर पर संकल्प लेते है कि फिटनेस की डोज आधा घंटा रोज का संकल्प लेते हुए योग को अपनी दिनचर्या का अभिन्न हिस्सा बनाएंगे और अन्य को भी योग के लिए प्रेरित करते हुए सामाजिक उन्नति के लिए स्वास्थ्य क्रांति की अलख जगाएंगे।



लेखक परिचय:
युवा लेखक अमन कुमार, मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के निवासी है। वर्तमान में अमन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय से समाज कार्य में स्नातक की शिक्षा ग्रहण कर रहे है। मात्र 20 वर्ष की उम्र में अमन ने ग्रामीण युवाओं की संस्था उड़ान युवा मंडल ट्यौढी की अध्यक्षता करते हुए सामाजिक विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर शिक्षा रत्न सहित विभिन्न उपाधि प्राप्त की।



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