रिपोर्ट,दिलीप कुमार
बस्ती – नौकरी में स्थानान्तरण जनहित में निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है परन्तु बस्ती जनपद में जनहित पर व्यक्तिगत हित भारी पड़ रहा है और जनपद के स्वास्थ्य विभाग में दाम्पत्य नीति की आड़ में जनपद में दर्जनों डाक्टर दशकों से जमें हुए हैं और निजी प्रैक्टिस में गोते लगाते हुए गरीबों का खून चूस रहे हैं और स्वास्थ्य विभाग के मुखिया सीएमओ को कमियाँ नजर नहीं आ रही हैं । डाक्टरों के रसूख के आगे मुख्य चिकित्साधिकारी राम शंकर दूबे नतमस्तक है । दशकों से जनपद में अंगद की तरह जिला अस्पताल में तैनात डाक्टर पाँव जमाएं हुए हैं । डा० सरफराज नवाज खान , डा० सुनील कुमार मिश्रा व डा० आलोक पाण्डेय सहित दर्जनों चिकित्सक शासनादेश के खिलाफ लगातार जमे हुए हैं ।शासनादेश के विपरीत इतने दिनों तक कैसे एक ही जगह पर डाक्टर जमें हुए हैं । शासन व सीएमओ पर अंगुलियाँ उठ रही है निजी प्रैक्टिस में शासनादेश के खिलाफ डाक्टर कमाई में मस्त है । सीएमओ के कार्यों से योगी सरकार की मंशा पर पानी फिर रहा है ।
10 वर्षों से लगातार तैनात डाक्टरों के लिए रामबाण साबित हो रहा दाम्पत्य नीति
मिली जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग में इस समय बहुत बड़ा स्थानान्तरण घोटाला चल रहा है जिसके चलते कुछ चुनिंदा डाक्टर शासनादेशों के विपरीत एक ही जनपद में दशकों से जमे हुए हैं । हलांकि इन चुनिंदा डाक्टरों को सीएमओ का भरपूर संरक्षण भी मिल रहा है तभी तो इन डाक्टरों में से अधिकांश को दाम्पत्य नीति का चोला ओढ़ाकर सुरक्षित कर दिया गया है और लगभग सभी डाक्टर सरकारी नौकरी में प्राइवेट प्रैक्टिस करते हुए अपने निजी अस्पताल का संचालन कर रहे हैं । कोई डाक्टर इतने दिनों तक एक ही जिले में कैसे जमा हुआ है जो चर्चा का विषय बनना लाजिमी हो जाता है।
स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार की पोल खोल रहा दाम्पत्य नीति
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों की माने तो इस स्थानान्तरण घोटाले का तार जिले के सीएमओ से लेकर शासन तक जुड़ा हुआ है इसे प्रशासनिक चूक कदापि नहीं कहा जा सकता बल्कि यह घोटाला सोची समझी रणनीति के तहत चल रहा है । प्रदेश के तेजतर्रार स्वास्थ्य मंत्री माननीय ब्रजेश पाठक के भी आँख में धूल झोंकने में जनपदीय स्वास्थ्य विभाग के मुखिया सीएमओ जरा सा भी गुरेज नहीं कर रहे हैं ।