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JALAUN : पुलिस कार्यायल मे डयूटी कर रही महिला सिपाही को पुरूषआरक्षी ने छेड़ा ,जबरन पकड़ कर की अश्लील हरकत

JALAUN : पुलिस कार्यायल मे डयूटी कर रही महिला सिपाही को पुरूष आरक्षी ने छेड़ा तथा जबरन पकड़ कर की अश्लील हरकत

जालौन :- पुलिस विभाग की नौकरी मे भी सुरक्षित नही है महिलाएं, विभागीय लोग मामले को दबाने के लिए प्रयास कर रहे है।  पीड़िता की ओर से कोतवाली मे दर्ज करायी गयी आरोपी सिपाही के विरूद्व 14 मार्च को एफआईआर ।

उरई(जालौन)। प्राप्त जानकारी के मुताबिक उरई मे स्थित जिला पुलिस कार्यालय मे बीती 13 मार्च को वर्दीधारियों मे तब सनसनी फैल गयी जब अपर पुलिस अधीक्षक के कार्यालय मे नियुक्त अविवाहित महिला सिपाही निधि को डियूटी के दौरान शाखा मे तैनात दो बच्चों के पिता पुरूष सिपाही ने अकेला पाकर न सिर्फ अश्लील हरकतें की तथा निधि को पकड़ कर जबरन “किस” कर लिया। यह खबर कार्यालय मे डियूटी पर लगे पुलिस स्टाप में आग की तरह फैल गयी। अधिकारियों को जब यह जानकारी मिली तथा पीड़िता सिपाही निधि ने तहरीर लिख कर पुलिस अधीक्षक को दी और अपने साथ हुए अपराध की शिकायत की तो निष्पक्ष पुलिस अधीक्षक ने कड़ा रूख अपनाते हुए दोषी सिपाही अभिषेक सचान के विरूद्व कोतवाली उरई को आदेश करके मुकदमा कायम करा दिया।

महिला सिपाही द्वारा दर्ज करायी गयी एफआईआर विवरण के अनुसार बतातें चलें कि महिला आरक्षी निधि ने बताया कि वह माह नवंबर 2019 से अपर पुलिस अधीक्षक के कार्यालय मे तैनात है। जब वह बीती 13 मार्च को होली व शबए वरात की बीडियो कान्फ्रेंसिग की सूचना तैयार कर रही थी उसी समय शाम 4 बजे वह कार्यालय मे अकेली थी कि तभी इसी बीच पासपोर्ट कार्यालय मे नियुक्त आरक्षी अभिषेक सचान आ गया और मुझे अकेला पाकर अश्लील हरकतें व “किस” करने लगा। जिसका विरोध किया महिला सिपाही की चिल्लाने की आवाज सुन कर पुलिस कार्यालय मे मौजूद तथा कार्यालय मे नियुक्त पेशकार उपनिरीक्षक वीबी सिंह, एचसी अखिलेश तिवारी व का.संजीव राजपूत आ गये और आरक्षी अभिषेक सचान उनको देखकर वहां से भाग गया। तब मैने घटित घटना के बारे मे सबको बताया।बिगड़ैल पुलिस कर्मियों पर अब तक शासन द्वारा छटनी करवा कर कठोर कार्रवाई न किये जाने से पुलिस विभाग मे महिला कर्मचारियों का खासा शोषण हो रहा है।

क्या प्रदेश में अन्य महिलाएं सुरक्षित है!

इस घटनाक्रम से यह सवाल उठना लाजमी है कि यदि पुलिस महकमे में तैनात महिलाएं पुलिस स्टाफ से सुरक्षित नहीं है तो फिर प्रदेश में अन्य महिलाएं कैसे  सुरक्षित हो सकती हैं ? अब देखना यह है कि प्रशासन द्वारा इस दोषी पुलिस ऑफिसर के खिलाफ क्या कार्रवाई की जायेगी या फिर इस मामले को यू ही दबा दिया जाएगा यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा ।

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