UP मे 2.0 गवर्नमेंट में बृजेश पाठक को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है
उत्तर प्रेदेश :-लखनऊ यूनिवर्सिटी के विद्यार्थी संघ के अध्यक्ष रह चुके बृजेश पाठक को जमीन से जुड़ा हुआ नेता बताया जाता है. बृजेश पाठक के बारे में यह बात कही जाती है कि आवाम से जुड़े भलाईों के लिए वह प्रशासनिक अधिकारियों को भी निशाने पर ले लेते हैं. बृजेश पाठक योगी आदित्यनाथ गवर्नमेंट के पिछले कार्यकाल में कानून मंत्री थे. इसी दौरान देशभर के साथ-साथ यूपी में भी कोविड महामारी विकराल हो गई थी. बतौर कानून मंत्री बृजेश पाठक ने इस दौर में लापरवाही करने वाले अधिकारियों को निशाने पर लिया था, इतना ही नहीं उन्होंने इस लापरवाही के लिए आलाकमान को चिट्ठी तक लिख दी थी. अब बृजेश पाठक उप मुख्यमंत्री का पद संभाल रहे हैं. बृजेश पाठक का जमीनी जुड़ाव न केवल पार्टी को मजबूत करने का कार्य करेगा बल्कि पार्टी की लोकप्रियता भी बढ़ेगी.
आपकी जानकारी के लिए बताते चलें उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक की एक चिट्ठी कोविड के दौर में वायरल हुई थी. इस चिट्ठी में उन्होंने रोगीों के उपचार में बरती जा रही लापरवाही के लिए प्रशासन पर नाराजगी जताई थी. बृजेश पाठक कानून मंत्री रहते हुए अधिकारियों को भी निशाने पर लेते थे जिसके चलते यह कहा जाने लगा था कि एक मंत्री इतना खुलकर कैसे लिख सकता है.
रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन से जुड़े हनुमान त्रिपाठी कहते हैं कि बृजेश पाठक जनता के रेट्द को समझते थे. यही कारण था कि कोविड-19 महामारी के उस डरावना दौर में अधिकारियों की लापरवाही के चलते उन्होंने अधिकारियों को निशाने पर लिया था. नतीजा यह हुआ कि उनकी इस चिट्ठी से सिस्टम नींद से जागा और बृजेश पाठक को जनता ने सिर आंखों पर बिठा लिया.
यह भी पढ़ें – उच्च रक्त चाप की समस्या को करना है कंट्रोल, तो फॉलो करे ये 3 योगासन
अवध बार एसोसिएशन के मेम्बर र योगेश त्रिपाठी कहते हैं कि यही कारण हैं कि बृजेश पाठक सीधे तौर पर जनता से जुड़े रहते हैं. केवल लखनऊ ही नहीं बल्कि पूरे सूबे कि लोग उनसे सीधे तौर पर सम्पर्क कर सकते हैं और उनकी परेशानीओं का निवारण भी किया जाता है. बीजेपी आलाकमान को भी यह बात पता है कि बृजेश पाठक जमीन से जुड़े हुए नेता हैं और यही वजह है कि उनको इस बार यूपी गवर्नमेंट में उपमुख्यमंत्री बनाया गया है.