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ToggleUNESCO की वैश्विक AI पद्धति को भारत के संदर्भ में रूप देने की ऐतिहासिक कवायद में बागपत का प्रतिनिधित्व
नई दिल्ली/बागपत। बागपत जिले के गांव ट्यौढी निवासी अमन कुमार ने एक और बार अपने जिले और ग्रामीण भारत की आवाज को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर बुलंद किया है। उन्हें UNESCO ग्लोबल यूथ कम्युनिटी के सदस्य और MY भारत मेंटर के रूप में प्रतिष्ठित 5वीं AI RAM स्टेकहोल्डर कंसल्टेशन में आमंत्रित किया गया। यह महत्वपूर्ण परामर्श UNESCO और भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) द्वारा Ikigai Law के सहयोग से 3 जून 2025 को शांगरी-ला होटल, नई दिल्ली में आयोजित हुआ।
यह आयोजन भारत में नैतिक और उत्तरदायी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को स्थापित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल थी। इसमें UNESCO की वैश्विक AI Readiness Assessment Methodology (RAM) — एक ऐसा उपकरण जिसमें 200 से अधिक सामाजिक, कानूनी, तकनीकी, शैक्षिक और आर्थिक सूचक शामिल हैं — को भारतीय परिप्रेक्ष्य में ढालने पर मंथन हुआ। इस बहु-हितधारक चर्चा का उद्देश्य था कि भारत की AI नीतियाँ वैश्विक नैतिक मानकों के साथ-साथ स्थानीय प्राथमिकताओं को भी प्रतिबिंबित करें।

300 से अधिक विशेषज्ञों की उपस्थिति वाले इस मंच पर अमन कुमार को “Workforce and AI” विषय पर विशेषज्ञ चर्चा समूह में आमंत्रित किया गया, जिसमें देशभर से चुनकर आए केवल 25 विशेषज्ञों ने भाग लिया। इस चर्चा में अमन ने ग्रामीण युवाओं की चुनौतियों, डिजिटल असमानता, रोजगार के अवसरों और AI साक्षरता जैसे जमीनी मुद्दों को बेबाकी से उठाया।
अमन कुमार ने कहा: “AI सिर्फ शहरी या तकनीकी वर्ग के लिए नहीं, बल्कि ग्रामीण युवाओं के लिए भी अवसर है — यदि उन्हें सही जानकारी, प्रशिक्षण और नीति में भागीदारी का मंच मिले। यह परामर्श एक ऐसा मंच था जहां मैंने खुद को सिर्फ प्रतिनिधि नहीं, बल्कि परिवर्तन का वाहक महसूस किया।” इस आयोजन में UNICEF इंडिया के ICT प्रमुख गिब्सन रिउंगु ने भी अमन को पहचानते हुए व्यक्तिगत रूप से सराहा और उन्हें ग्रामीण युवाओं की आवाज़ को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया।
