- जिलाधिकारी अस्मिता लाल की प्रेरणा से युवाओं ने की बेजुबान पशुओं के अधिकारों की बात
- गोद लेने के लिए एकमात्र शर्त है प्यार, स्नेह और इन मित्रवत साथियों के लिए एक सुरक्षित घर
- बेजुबान हमें नहीं पुकार सकते पर हमारी खामोशी उनके साथ है अन्याय, सभी आगे आए और निराश्रित पशुओं को बचाए
बागपत– पशुओं के अधिकार सुनिश्चित करने के लिए कार्य कर रहे एनिमल वेलफेयर वॉलंटियर्स ने आज एक अनोखी पहल की। जिलाधिकारी अस्मिता लाल की प्रेरणा एवं मार्गदर्शन में पशु कल्याण स्वयंसेवकों ने पीएम केंद्रीय विद्यालय बड़ौत में क्रॉस-ब्रीड निराश्रित डॉग पपी को नया घर देने के उद्देश्य से अडॉप्शन ड्राइव का आयोजन हुआ। स्वयंसेवक अमन कुमार, अमीर खान, गुलफ़्सा राजपूत, संयम सिंह, प्रिया शर्मा एवं आदित्य दीक्षित ने निराश्रित डॉग पपीज के अधिकारों की बात की और सभी से आह्वान किया कि एक नन्हे दोस्त के रूप में निराश्रित पपीज को अपनाए।
कई परिवारों, पशु प्रेमियों और कार्यकर्ताओं ने भाग लिया, जिन्होंने स्वस्थ, टीकाकृत और कृमि-मुक्त निराश्रित पपीज को गोद लेने में रुचि दिखाई। बड़ी संख्या में परिवार आगे आए लेकिन उन्हीं परिवारों को डॉग पपी एडॉप्ट कराए जिन्होंने युवाओं की शर्त सहर्ष स्वीकार की और उन्हें आश्वस्त किया कि वह इन मिलनसार साथियों के लिए प्यार, स्नेह और सुरक्षित घर सुनिश्चित करेंगे। जब स्टॉल लगाकर बेजुबान पशुओं के अधिकारों की बात की तो सभी 03 निराश्रित डॉग पपीज को अपनाने के लिए विपिन कुमार निवासी शाहमल एनक्लेव बड़ौत, सुदेश कुमार निवासी जिवाना, सुनीता निवासी बावली आगे आए और जिम्मेदारी और प्रेम के साथ उन्हें अपनाया। बच्चों और प्रतिभागियों को संवेदनशीलता बढ़ाने हेतु रचनात्मक ‘कम्पैशन स्टिकर्स’ भी भेंट किए गए। युवाओं को स्वयंसेवकों एवं भविष्य में निराश्रित पशुओं को गोद लेने के इच्छुक परिवारों का भी पंजीकरण किया गया।
पशु कल्याण स्वयंसेवकों ने आह्वान किया कि सभी नागरिक आगे आए क्योंकि इन निराश्रित पशुओं के लिए भी हमारे कुछ संवैधानिक कर्तव्य है और विशेष रूप से इन दिनों बदलते मौसम में बहुत से निराश्रित डॉग्स को एक आश्रय चाहिए जो उनकी सुरक्षा एवं सम्मान का वादा है। निराश्रित पशुओं को अपनाने से घर में खुशियां आती है और अपनापन बढ़ता है। बच्चे करुणा, जिम्मेदारी आदि सीखते है। मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रहता है और तनाव कम होता है। एक नन्हे जीव को नया घर और परिवार मिलता है।
पशु पक्षी जीव जंतु हमारे पर्यावरण और जीवन-चक्र के अभिन्न साथी हैं। जब हम उनकी रक्षा करते हैं, तो दरअसल हम अपने समाज की मानवीयता को बचाते हैं। स्वयंसेवकों ने आह्वान किया कि हर नागरिक इन बेजुबान प्राणियों के प्रति जिम्मेदारी निभाए, क्योंकि इंसानियत की असली पहचान इसी से होती है कि हम उन प्राणियों के लिए कितने संवेदनशील हैं जो अपनी पीड़ा खुद नहीं कह सकते।
पशु कल्याण स्वयंसेवकों द्वारा लगातार निराश्रित पशुओं का उपचार कर उनके लिए सुरक्षित आश्रय ढूंढने के लिए कार्य किया जा रहा है जिसमें आने वाले दिनों में भी डॉग पपी अडॉप्शन ड्राइव संचालित कर बेजुबान पशुओं के लिए बेहतर जीवन सुनिश्चित करने के लिए कार्य किया जाएगा। इन्हें गोद लेने से निवासी न केवल आवारा कुत्तों की आबादी को कम करने में मदद करेंगे, बल्कि इन जानवरों के लिए एक सुरक्षित और प्रेमपूर्ण वातावरण भी प्रदान करेंगे। इन्हें भी बेहतर जीवन का अधिकार है और यह भी हमारे जीवन का हिस्सा है।
विगत माह जिलाधिकारी द्वारा इन सभी पशु कल्याण स्वयंसेवकों के साथ कलेक्ट्रेट में बैठक कर उनके कार्य को प्रोत्साहित किया था जिसके अनुरूप युवाओं ने प्रेरित होकर आज जिलाधिकारी के मार्गदर्शन एवं सहयोग से इस नई पहल का आह्वान किया। वहीं जिलाधिकारी अस्मिता लाल ने भी युवाओं की इस पहल की सराहना कर सभी स्वयंसेवकों को प्रोत्साहित किया।
युवाओं ने इस अवसर पर एक मार्मिक संदेश दिया। राज्य युवा पुरस्कार विजेता अमन कुमार ने कहा कि अब समय है जब हम सभी स्वयं में करुणा की चिंगारी जलाकर अपने हिस्से का कार्य करे और किसी निराश्रित पशु को आश्रय देकर जिम्मेदार नागरिक बने। अमीर खान एवं संयम सिंह ने कहा कि बेजुबान बोल नहीं सकते लेकिन हमारा ही तरह दर्द महसूस करते है और वह भी इंसानियत के हकदार है। प्रिया शर्मा ने कहा कि जिस प्रकार घर हम सभी की आवश्यकता है वैसे ही जीवों को भी आश्रय चाहिए। गुलफ़्सा राजपूत ने कहा कि हमारे घर में पशुओं को आश्रय देने से हमारा छोटा सा आशियाना भी करुणा का एक महान उदाहरण बन सकता है। आदित्य दीक्षित ने कहा कि आज मुझे स्वयं एक बड़ी प्रेरणा मिली कि जीवन दूसरों के लिए जिया जाए वही सार्थक है क्योंकि हम सभी एक दूसरे पर निर्भर है।
स्कूल प्राचार्या नवल सिंह ने सभी स्वयंसेवकों एवं इस अभियान की खूब प्रशंसा की। इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षकगण, पशु प्रेमी दीक्षा, साक्षी, आराध्या, सनम सिंह, गोरी, आदित्य तोमर, वंश तोमर, एसएस तोमर आदि मौजूद रहे।
*सूचना विभाग बागपत*




