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“Art of Giving” अभियान के तहत जैसलमेर के मेघवालवास में हुआ प्रेरणादायक कार्यक्रम, ‘Neighbour-Good’ थीम पर छात्रों को मिला करुणा और सहअस्तित्व का संदेश

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मेघवालवास, जैसलमेर, 14 मई — ‘देने की कला’ अर्थात “Art of Giving” को जन-जन तक पहुंचाने और समाज में सौहार्द, सहयोग एवं करुणा के भाव को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल मेघवालवास, जैसलमेर में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन “Art of Giving” के संस्थापक और प्रसिद्ध शिक्षाविद् डॉ. अच्युत सामंत की पहल पर आधारित Neighbour-Good थीम के अंतर्गत किया गया, जो आज के सामाजिक परिवेश में एक समरस और सहयोगी समाज के निर्माण का संदेश देती है।

कार्यक्रम में विद्यालय के प्रधानाचार्य प्रभु राम राठौड़ ने मुख्य अतिथि के रूप में उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि ‘Art of Giving’ न केवल व्यक्तिगत स्तर पर आत्मिक संतोष का मार्ग प्रशस्त करता है, बल्कि यह सामाजिक विकास का सशक्त माध्यम भी बन चुका है। उन्होंने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि समाज के प्रति हमारा कर्तव्य केवल शब्दों तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि वह व्यवहार में भी परिलक्षित होना चाहिए।

विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे वरिष्ठ अध्यापक मोतीलाल, जिन्होंने विद्यार्थियों को इस अभियान के सामाजिक और नैतिक महत्व से परिचित कराया। उन्होंने कहा कि ‘Neighbour-Good’ की अवधारणा केवल भौगोलिक पड़ोस तक सीमित नहीं है, बल्कि यह विचार है कि हम सभी एक-दूसरे के लिए अच्छे पड़ोसी बनें — चाहे वह समाज में कोई भी हो। कार्यक्रम की विशेष उपस्थिति में शामिल थे दिलीप सिंह, दीपक कुमार, मंजू गेणवा, और भगवंती देवी, जिन्होंने विद्यार्थियों के साथ मिलकर इस प्रेरणादायक पहल को और ऊर्जावान बनाया।

कार्यक्रम का संचालन और समन्वय राजस्थान राज्य के ‘Art of Giving’ ब्रांड एम्बेसडर हरीश राठौड़ ने किया। उन्होंने ‘Art of Giving’ की मूल भावना को स्पष्ट करते हुए कहा कि यह कोई साधारण सामाजिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक व्यापक आंदोलन है, जो व्यक्ति को आत्मकेंद्रितता से निकालकर सेवा और करुणा की ओर ले जाता है। उन्होंने छात्रों को उदाहरणों के माध्यम से यह समझाया कि ‘देने’ का अर्थ केवल भौतिक वस्तुओं तक सीमित नहीं, बल्कि समय, ध्यान, मुस्कान और समझदारी देना भी इसमें शामिल है।

करीब 100 से अधिक छात्र-छात्राओं ने इस कार्यक्रम में भाग लिया और ‘Art of Giving’ के मूल्यों को आत्मसात करने की शपथ ली। बच्चों में सेवा भाव, सामाजिक जिम्मेदारी और संवेदनशील नागरिक बनने की प्रेरणा स्पष्ट रूप से परिलक्षित हुई।

कार्यक्रम का समापन विद्यार्थियों और शिक्षकों द्वारा साझा अनुभवों और संकल्पों के साथ हुआ। विद्यालय प्रशासन ने ‘Art of Giving’ अभियान को विद्यालय तक लाने के लिए आयोजन समिति और हरीश राठौड़ का आभार व्यक्त किया तथा भविष्य में भी इस तरह की जागरूकता गतिविधियों को प्रोत्साहित करने का आश्वासन दिया।

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Author: Baghpat

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