अमन कुमार, प्रतिभागी – सत्यार्थी समर स्कूल
सत्यार्थी समर स्कूल के दौरान जब हम 11 देशों से आए युवा जयपुर राजस्थान स्थित बाल आश्रम पहुँचे तो रघुनाथपुरा गाँव की एक घटना ने मेरे दिल में करुणा का मतलब फिर से लिख दिया। गाँव के सरकारी स्कूल का शौचालय महीनों से टूटा पड़ा था। बच्चों ने कई पत्र लिखे, कई बार बैठकों में कहा, पर कोई सुनवाई नहीं हुई। तब बाल पंचायत की उपसरपंच पूजा गुर्जर ने कहा “मेरे गुल्लक में कुछ पैसे हैं, क्यों न हम ही शुरुआत करें?”

पूजा की बात सुनकर बाकी बच्चों ने भी अपने गुल्लक तोड़े। किसी ने दस रुपये निकाले, किसी ने पचास। कुल ₹300–₹400 रुपये जुटे। रकम तो छोटी थी, लेकिन उसका संदेश बहुत बड़ा था। जब गाँव के सरपंच और अन्य बड़ों को इसकी जानकारी हुई, तो वे भी अचंभित रह गए। सोचिए, बच्चे अपनी छोटी-छोटी बचत समाज के लिए दे सकते हैं, तो क्या बड़े लोग अपनी बड़ी ज़िम्मेदारियाँ नहीं निभा सकते? फिर क्या था, सबने मिलकर कुछ ही दिनों में शौचालय की मरम्मत करवा दी।
उस दिन मैंने सीखा कि करुणा कोई भारी शब्द नहीं होता। करुणा तो अपनी गुल्लक से पैसे निकालने जितनी साधारण और किसी के जीवन में इज्जत लौटाने जितनी महान होती है। पूजा ने यह नहीं सोचा कि उसका पैसा कम पड़ जाएगा, उसने बस यह सोचा कि कोई तो शुरुआत करे। मुझे लगा, समाज में कई बार पैसे की कमी नहीं होती, पहल की कमी होती है। बच्चों ने दिखाया कि बदलाव लाने के लिए उम्र की नहीं, दिल की ज़रूरत होती है।
वापस लौटते समय मैंने खुद से पूछा कि मेरी गुल्लक में क्या है? मेरे पास भी तो ऐसे कई शब्द, कई पल, कई हौसले हैं जो किसी की ज़िंदगी आसान बना सकते हैं। करुणा की यही खूबसूरती है – वह हमें हमेशा याद दिलाती है कि हम किसी के लिए कुछ कर सकते हैं। रघुनाथपुरा के बच्चों ने साबित कर दिया कि अगर इरादा सच्चा हो, तो छोटा कदम भी बड़ा बदलाव ला सकता है। शायद अब वक़्त आ गया है कि हम सब भी अपनी-अपनी गुल्लक तोड़ें, क्योंकि छोटे-छोटे सिक्कों की आवाज़ ही मिलकर समाज की चुप्पी तोड़ती है।
लेखक के बारे में: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राज्य युवा पुरस्कार से सम्मानित युवा सामाजिक कार्यकर्ता अमन कुमार मूल रूप से बागपत, उत्तर प्रदेश के निवासी है। वर्तमान में वह सत्यार्थी समर स्कूल का हिस्सा है जो करुणा पर केंद्रित विश्व का प्रथम ग्रीष्मकालीन विद्यालय है। वह उड़ान यूथ क्लब के अध्यक्ष है और राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय महत्व के विभिन्न संस्थानों से जुड़े है।
