कांवड़ यात्रा एप से 28,520 से अधिक श्रद्धालु हुए लाभान्वित, कांवड़ यात्रा में पहली बार व्यापक डिजिटल प्रबंध, एप से सीधे मिली हर जानकारी, प्रशासनिक पारदर्शिता और सुविधा का नया अध्याय, बिना खर्च के तैयार कांवड़ यात्रा एप बना ई-गवर्नेंस की मिसाल
बागपत, 23 जुलाई 2025 – बागपत में श्रावण मास में परशुरामेश्वर पुरा महादेव मंदिर पर आयोजित होने वाले कांवड़ मेले में पहली बार विशेष डिजिटल तकनीकी का उपयोग किया गया। सूचना विभाग द्वारा विकसित किए गए कांवड़ यात्रा एप पर प्रशासन द्वारा किए गए संबधी प्रबंधों, व्यवस्थाओं की जानकारी एक क्लिक पर मिली जिसका उपयोग 28,520 से अधिक श्रद्धालुओं ने किया। परशुरामेश्वर पुरा महादेव मंदिर पर आयोजित ऐतिहासिक मेले में ‘कांवड़ यात्रा एप’ ने प्रशासन और श्रद्धालुओं के बीच नई डिजिटल सेतु की भूमिका निभाई।
जिलाधिकारी अस्मिता लाल ने बताया कि डिजिटल युग में जब स्मार्टफोन का उपयोग बढ़ रहा है ऐसे में कांवड़ियों की यात्रा को सरल, सुरक्षित और सुगम बनाने के उद्देश्य से ई गवर्नेंस के लिए कांवड़ यात्रा एप का प्रयोग किया गया जो बेहद सफल रहा। बड़ी संख्या में कांवड़ियों ने एप का प्रयोग कर प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्थाओं का लाभ लिया।
जिला सूचना अधिकारी राहुल भाटी ने बताया कि श्रद्धालुओं की यात्रा निर्विघ्न संपन्न कराने में कांवड़ यात्रा एप का महत्वपूर्ण योगदान रहा। एप के माध्यम से श्रद्धालुओं की यात्रा सरल एवं व्यवस्थित हो सकी। कंट्रोल रूम के नंबर पर कांवड़ यात्रियों ने सीधे अपनी शिकायतों एवं समस्याओं का समाधान प्राप्त किया एवं मार्ग पर उपलब्ध प्रशासन की विभिन्न सुविधाओं का लाभ लिया। एप पर जोड़े गए कांवड़ यात्रा रूट और विश्राम शिविरों के फीचर से कांवड़ यात्रियों को अपनी यात्रा की योजना बनाने में विशेष सुविधा मिली। यात्रा के विभिन्न पड़ावों पर उपलब्ध विश्राम शिविरों की जानकारी उनके मोबाइल पर एक क्लिक में उपलब्ध होने से वह अपनी क्षमता, स्वास्थ्य और समयानुसार यात्रा को व्यवस्थित कर सके।
एप की उपयोगिता के दृष्टिगत भविष्य में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में भी डिजिटल नवाचार कर ई गवर्नेंस को बढ़ावा दिया जाएगा। तकनीकी विशेषज्ञ अमन कुमार ने बताया कि कांवड़ यात्रा एप को स्वयंसेवी तकनीकी विशेषज्ञता के समावेश के साथ डिजिटल आईसीटी आधारित संसाधनों के सृजनात्मक प्रयोग से बिना किसी आर्थिक व्यय के बनाया गया जो बेहद सफल रहा। एप का डिज़ाइन और इंटरफेस उपयोगकर्ता के लिए सहज बनाने से एवं क्यूआर कोड जोड़ने से अधिक संख्या में श्रद्धालुओं ने इसका उपयोग किया।
