बागपत, 11 सितंबर 2024 – हिंदी के प्रचार-प्रसार और इसके आधिकारिक प्रयोग को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से, बैंक ऑफ बड़ौदा, बागपत शाखा ने नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (NARAKAS) के तत्वावधान में हिंदी सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता (Quiz Competition) का आयोजन किया। इस प्रतियोगिता में केंद्र सरकार से जुड़े विभिन्न कार्यालयों के कर्मचारियों ने ऑनलाइन (Online) माध्यम से भाग लिया।
NARAKAS (नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति) का गठन गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा किया गया है, जिसका उद्देश्य सरकारी कार्यालयों में हिंदी के प्रभावी प्रयोग और प्रचार-प्रसार को सुनिश्चित करना है। इसके तहत हिंदी को राजभाषा (Official Language) के रूप में सशक्त बनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों और गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। NARAKAS का मुख्य उद्देश्य है कि सरकारी कामकाज में हिंदी का अधिकतम उपयोग हो और सरकारी कर्मचारी हिंदी में दक्षता हासिल कर सकें।
इस बार की हिंदी सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में केनरा बैंक की कंचन शर्मा ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए पहला स्थान प्राप्त किया। नेहरू युवा केंद्र, बागपत के अमन कुमार ने दूसरे स्थान पर अपनी जगह बनाई, जबकि चौधरी चरण सिंह राष्ट्रीय पशु स्वास्थ्य संस्थान के डॉ. विकास गुप्ता ने तीसरा स्थान हासिल किया।
प्रतियोगिता में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की शोभा कुमारी चंद्रा और बैंक ऑफ बड़ौदा की दीप्ति शर्मा ने सांत्वना पुरस्कार (Consolation Prize) के रूप में संयुक्त स्थान प्राप्त किया।
यह प्रतियोगिता NARAKAS के अध्यक्ष अश्विनी कुमार के मार्गदर्शन में और बैंक ऑफ बड़ौदा के मंजीत साव के सहयोग से सफलतापूर्वक संपन्न हुई। इस प्रकार के आयोजन सरकारी संस्थानों में हिंदी के प्रयोग को प्रोत्साहित करते हैं और राजभाषा के प्रति जागरूकता बढ़ाने में सहायक होते हैं।
पुरस्कार वितरण 18 सितंबर को
NARAKAS, बागपत के सचिव अभय नाथ मिश्र ने बताया कि गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार, 18 सितंबर 2024 को ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान में नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की 15वीं अर्धवार्षिक बैठक आयोजित की जाएगी। इस अवसर पर प्रतियोगिता के सभी विजेताओं को सम्मानित किया जाएगा।
इस प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को हिंदी के ज्ञान में दक्ष बनाना और हिंदी को एक प्रभावी राजभाषा के रूप में सशक्त करना है। ऐसी प्रतियोगिताएं हिंदी के प्रति जागरूकता बढ़ाने और इसे दैनिक कार्यों में प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए महत्वपूर्ण साबित होती हैं।
