बागपत, 26 सितंबर 2024 – चौधरी चरण सिंह राष्ट्रीय पशु स्वास्थ्य संस्थान में बुधवार को एक दिवसीय संयुक्त राजभाषा हिंदी कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में संस्थान के अधिकारियों, कर्मचारियों सहित नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति के विभिन्न सरकारी कार्यालयों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संयुक्त आयुक्त डॉ. संदीप कुमार सिंह ने की, जबकि मुख्य वक्ता के रूप में अभय नाथ मिश्र, वरिष्ठ प्रबंधक और समिति के सदस्य सचिव, ने हिंदी के प्रभावी प्रयोग और राजभाषा नीति के सुदृढ़ क्रियान्वयन पर जोर दिया।
कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए डॉ. संदीप कुमार सिंह ने राजभाषा हिंदी के व्यापक और प्रगामी उपयोग को बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हिंदी में कामकाज को बढ़ावा देने के लिए छोटे-छोटे प्रयास महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। विशेष रूप से हिंदी में हस्ताक्षर करने की पहल, एक ऐसा साधारण कदम है जो देश की राजभाषा को प्रोत्साहित करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि कार्यशाला जैसे मंचों के माध्यम से हमें हिंदी के प्रति जागरूकता बढ़ानी चाहिए और इसके अधिकतम उपयोग के लिए कार्यालयी और प्रशासनिक स्तर पर समन्वय की आवश्यकता है।
मुख्य वक्ता अभय नाथ मिश्र ने राजभाषा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने हिंदी को संविधान में दिए गए राजभाषा के रूप में पहचान दिलाने के प्रयासों की सराहना की और यह भी कहा कि हिंदी का अधिकाधिक प्रयोग हमारा संवैधानिक दायित्व है। कार्यालयों में हिंदी का उपयोग करने से न केवल प्रशासनिक कार्य सरल होते हैं, बल्कि हितधारकों के साथ संवाद भी अधिक स्पष्ट और प्रभावी होता है। उन्होंने बताया कि संस्थान के अधिकारियों को हिंदी के प्रयोग संबंधी विभिन्न नियम और अधिनियमों की जानकारी दी गई है, ताकि सभी दिशानिर्देशों का पालन सुनिश्चित हो सके।
कार्यशाला में, मिश्र ने हिंदी के डिजिटल युग में बढ़ते महत्व को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि आज यूनिकोड और अन्य तकनीकी टूल्स जैसे कंठस्थ के माध्यम से हिंदी को कार्यालयी कामकाज में प्रयोग करना बहुत ही सरल हो गया है। इन डिजिटल उपकरणों का सही प्रयोग करके हिंदी को दफ्तरों में और ज्यादा सुविधाजनक तरीके से लागू किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अब तकनीकी मदद से राजभाषा हिंदी का उपयोग करना किसी भी कर्मी के लिए आसान है।
कार्यशाला के दौरान अमन कुमार, जो कि राजभाषा के प्रचार-प्रसार में सक्रिय योगदान दे रहे हैं, की भूमिका की सराहना की गई। उनके द्वारा हिंदी के प्रसार के लिए किए जा रहे प्रयासों को सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने सराहा। अमन कुमार द्वारा किए गए स्वैच्छिक प्रयास, राजभाषा नीति के प्रचार और क्रियान्वयन के लिए एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करते हैं।
कार्यशाला का सफल संचालन सहायक आयुक्त डॉ. विकास गुप्ता ने किया, जिनका प्रयास था कि सभी प्रतिभागियों को हिंदी के उपयोग और उसकी प्रशासनिक महत्ता से भली-भांति परिचित कराया जाए। इस अवसर पर इंडियन बैंक से सलोनी गौतम, नेहरू युवा केंद्र से अमन कुमार, केनरा बैंक से विद्या भूषण, और यूबीआई से पारिक कुमार सहित अन्य अधिकारियों ने भी भाग लिया। सभी प्रतिभागियों ने हिंदी के महत्व पर चर्चा की और इसे कार्यालयों में बढ़ावा देने की आवश्यकता पर सहमति जताई।

Author: Baghpat
