शामली से एक ऐसी खबर आई है, जो दिल छू जाती है और दिमाग को झकझोर देती है। यहां की पर्यावरण प्रहरी, ज़िला गंगा समिति की मेंबर और बच्चों जैसी मुस्कान लिए बड़ी-बड़ी बातें कर देने वाली विदुषी वशिष्ठ ने कुछ ऐसा किया जो हम सबको सीख दे गया।
दिल्ली मंडल के रेल प्रबंधक साहब जब दौरे पर आए, तो विदुषी ने उन्हें ना माला पहनाई, ना गुलदस्ता थमाया… सीधा एक पौधा भेंट कर दिया! और वो भी यूं ही नहीं—एकदम सम्मान के साथ, पर्यावरण को बचाने का संदेश देते हुए। बोले तो ग्रीन गिफ्टिंग स्टाइल में फुल ऑन धमाका!
अब सोचिए… आजकल लोग सेल्फी और स्टोरी के चक्कर में पौधे लगाते हैं, लेकिन विदुषी तो खुद पेड़ बन गई हैं—छांव भी देती हैं और जीवन भी। 2016 से अब तक हज़ारों पौधे लगा चुकी हैं, हाईवे से लेकर स्कूल तक, जहां ज़रूरत पड़ी वहां हरियाली फैलाई। जल, जंगल और जमीन की सच्ची भक्त!
और सुनिए, लखनऊ में इन्हें “गंगा महिला सम्मान” भी मिला है जलशक्ति मंत्री से। मतलब यूपी की सरकार ने भी इनके काम को सलाम ठोका है।
तो भाई लोग, अगर आपको लगता है कि देश बदलना मुश्किल है, तो एक बार विदुषी वशिष्ठ को देख लो। जो लड़की खुद के दम पर हवा, पानी और पेड़ों से दोस्ती निभा रही है—वो आज की सच्ची हीरो है।

Author: Baghpat
