Janta Now
रेनू जैन धर्मपुरा की पुण्यतिथि पर किये गये अनेकों पुण्य कार्य
देश

रेनू जैन धर्मपुरा की पुण्यतिथि पर किये गये अनेकों पुण्य कार्य

दिल्ली। संवाददाता।

पुरानी दिल्ली के धर्मपुरा क्षेत्र की निवासी व प्रसिद्ध समाजसेविका रेनू जैन की पुण्य तिथि पर उनके पुत्रों विपुल जैन और विवेक जैन ने जहॉं एक और बेजुबान जानवरों को भोजन कराया, वहीं दूसरी ओर विभिन्न धार्मिक स्थलों पर जाकर मॉं की आत्मा की शांति और विश्व कल्याण के लिए प्रार्थनाएं की। बागपत के जाने-माने सामाजिक कार्यकर्त्ता विपुल जैन ने बताया कि उनकी माता रेनू जैन का जन्म 25 जून वर्ष 1954 को धर्मपुरा दिल्ली के सेठ लाला छोटेलाल जैन व दयावती जैन के परिवार में हुआ। रेनू जैन के दादा सेठ लाला मुसद्दीलाल जैन का चांदनी चौक दिल्ली में विदेशी व देशी टोपियों का बड़ा कारोबार था और वह बड़े ही धार्मिक प्रवृत्ति के समाजसेवी व्यक्ति थे।

रेनू जैन धर्मपुरा की पुण्यतिथि पर किये गये अनेकों पुण्य कार्य

Social Worker Award 2023 : बागपत के विपुल जैन को किया गया सम्मानित

रेनू जैन के बड़े भाई स्वर्गीय ओमप्रकाश जैन व छोटे भाई जयप्रकाश जैन है। बताया कि रेनू जैन ने वर्ष 1972 में गवर्नमेंट गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल नम्बर 2, जामा मस्जिद, दिल्ली से हायर सेकेंडरी की परीक्षा पास की व वर्ष 1976 में दिल्ली यूनिवर्सिटी के सत्यवती को-ऐजुकेशनल कॉलिज तिमारपुर से ग्रेजुएशन किया। वर्ष 1968 से वर्ष 1970 तक वह एनसीसी की केडेट रही।



Baghpat News Today : प्रजापिता ब्रहमा बाबा की 54 वीं पुण्यतिथि पर बागपत में दी गयी श्रद्धांजलि

ग्रेजुएशन पूरी होने के उपरान्त उनका विवाह उत्तर प्रदेश के बागपत शहर में लाला नरेन्द्र कुमार जैन खेकड़ा वालों के पुत्र सुदर्शन जैन से हुआ। ससुर नरेन्द्र जैन की धार्मिक प्रवृत्ति, बेजुबान जानवरों के प्रति बेतहाशा प्रेम व अविलम्ब जरूरतमंदों की सहायता से रेनू जैन बहुत प्रभावित हुई और अपनी पूरी जिन्दगी परिवार की सेवा करने के साथ-साथ सामर्थ्य के अनुसार जरूरतमंदों की सहायता और बेजुबान जानवरों के खाने की व्यवस्था करने में कोई कसर नही छोड़ी, जिसमें उनको उनकी नन्द शोभा रानी जैन उर्फ सुभाष जैन चांदनी चौक और ससुर की बहन शारदा जैन खन्दक मेरठ का भरपूर सहयोग मिला।रेनू जैन धर्मपुरा की पुण्यतिथि पर किये गये अनेकों पुण्य कार्य



बताया कि 19 जनवरी वर्ष 2019 से रेनू जैन शारीरिक रूप से भले ही उनके साथ ना हो, लेकिन जब भी उनके हाथों से कोई नेक कार्य किया जा रहा होता है तो उनकी व उनका साथ देने वाले समस्त लोगों की उपस्थिति की अनुभूति होती है और अकल्पनीय सुख और आनन्द मिलता है। बताया कि सांसारिक जीवन में रहते हुए एक साध्वी व संत का जीवन कैसे जीया जाता है, उनकी मां इसका प्रत्यक्ष उदाहरण थी।

Jalaun: कोचिंग के बाहर छात्राओं ने एक दूसरे पर की लात घूंसो की बौछार, वीडियो वायरल



Related posts

यूनिसेफ इंडिया के नई दिल्ली मुख्यालय में सम्मानित हुए उत्तर प्रदेश के अमन कुमार 

इंसानियत का जीता जागता उदाहरण हैं डेरा सच्चा सौदा आश्रम

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया डॉक्टर प्रीति शर्मा बागपत को सम्मानित 

ब्राह्मण महासभा के 17 को होने वाले धरने को सफल बनाएं : रामकुमार

जालौन : बीजेपी की मण्डल अध्यक्ष पूजा शुक्ला ने टी आर पब्लिक स्कूल कुठौंद में ध्वजारोहण किया

Jalaun News:बूंदाबांदी के कारण फिर बढ़ी सर्दी 

jantanow

Leave a Comment