ट्योढी (बागपत) – ट्योढी गाँव, जिला बागपत का नाम एक बार फिर से सुर्खियों में है। इस बार कारण है गाँव के होनहार बेटे शिवम शर्मा, जिन्हें यूनिवर्सिटी ऑफ सेंट्रल मिसौरी, यूएसए में कंप्यूटर साइंस में मास्टर्स की पढ़ाई के लिए अंतर्राष्ट्रीय फेलोशिप मिली है। शिवम के पिता, जो एक किसान हैं और जिन्होंने केवल 10वीं कक्षा तक शिक्षा प्राप्त की है, ने अपने बेटे की शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी और आज उनका सपना साकार होता नजर आ रहा है।
शिवम शर्मा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा ट्योढी गाँव में की और फिर इंद्रप्रस्थ इंजीनियरिंग कॉलेज, नोएडा से बीटेक किया। अपनी मेहनत और लगन से शिवम ने इंफोसिस में टेक्नोलॉजी एनालिस्ट के रूप में काम किया। इसके बाद, उन्होंने इंटरनेशनल आईईएलटीएस परीक्षा उत्तीर्ण की और इंटरव्यू क्वालीफाई किया, जिससे उन्हें यह प्रतिष्ठित फेलोशिप प्राप्त हुई।

शिवम के चाचा, डॉ. राम करन, जो एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर के वैज्ञानिक हैं और बागपत जिले के एक प्रमुख व्यक्ति हैं, ने शिवम को हमेशा प्रेरित किया और उनके करियर में महत्वपूर्ण मार्गदर्शन दिया। डॉ. राम करन का कहना है, “शिवम की यह उपलब्धि हमारे पूरे परिवार और जिले के लिए गर्व का विषय है। मुझे विश्वास है कि वह अपने लक्ष्यों को प्राप्त करेगा और हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण योगदान देगा।”
शिवम की इस सफलता से ट्योढी गाँव में खुशी की लहर दौड़ गई है। गाँव के लोगों ने शिवम की इस उपलब्धि को सराहा और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। शिवम का कहना है कि वह अपनी मास्टर्स की डिग्री पूरी करने के बाद भारत लौटकर उन्नत तकनीकों का विकास करना चाहते हैं और मानवता की सेवा करना चाहते हैं।
शिवम के पिता का कहना है, “हमने अपने बेटे को हमेशा शिक्षा के महत्व को समझाया है और उसे हर संभव समर्थन दिया है। आज उसका अमेरिका में पढ़ाई करने का सपना साकार होते देख हमें बहुत गर्व हो रहा है।”
शिवम की यह कहानी न केवल ट्योढी गाँव बल्कि पूरे बागपत जिले के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। यह दिखाती है कि यदि दृढ़ संकल्प और मेहनत हो, तो किसी भी मंजिल को हासिल किया जा सकता है। शिवम की सफलता सभी को यह संदेश देती है कि हमें शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और अपने सपनों को साकार करने के लिए कठिन परिश्रम करना चाहिए।
शिवम शर्मा की इस उपलब्धि के लिए हम उन्हें ढेर सारी शुभकामनाएँ देते हैं और आशा करते हैं कि वे अपने सपनों को साकार करते हुए देश और समाज की सेवा में योगदान दें।
