बागपत दिनांक 30 अगस्त 2024 — फिनलैंड के प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय संस्थान हंड्रेड (HundrED) ने “वेलबिंग इन स्कूल्स स्पॉटलाइट 2024” (Wellbeing in Schools Spotlight 2024) के तहत एक वैश्विक पहल शुरू की है, जिसका उद्देश्य स्कूलों में विद्यार्थियों की भलाई (Wellbeing) को बढ़ावा देने वाले प्रभावी और स्केलेबल (Scalable) नवाचारों (Innovations) की पहचान करना है। इस पहल को इंटरनेशनल बैकालॉरिएट (International Baccalaureate – IB), ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी (Oxford University), रिसर्च स्कूल्स इंटरनेशनल (Research Schools International), हार्वर्ड यूनिवर्सिटी (Harvard University), और जैकब्स फाउंडेशन (Jacobs Foundation) के सहयोग से संचालित किया जा रहा है।
इस परियोजना के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 8 मई 2024 थी, जिसके तहत दुनियाभर से अनेक संस्थानों, शिक्षकों, छात्रों और शोधकर्ताओं ने अपने नवाचार प्रस्तुत किए। इन नवाचारों की समीक्षा प्रक्रिया में बागपत जिले के ट्यौढी गांव के निवासी युवा अमन कुमार (Aman Kumar) ने हंड्रेड के एडवाइजरी बोर्ड (Advisory Board) के सदस्य के रूप में अपना योगदान दिया। अमन ने नवाचारों की समीक्षा में महत्वपूर्ण राय साझा की, जिसके आधार पर 10-15 सर्वश्रेष्ठ प्रोजेक्ट्स (Projects) का चयन किया गया। उनके इस महत्वपूर्ण योगदान के लिए हंड्रेड के क्रिएटिव डायरेक्टर (Creative Director) साकू टूओमिनेन (Saku Tuominen) ने उन्हें प्रमाण पत्र (Certificate) देकर सम्मानित किया।
रिसर्च (Research) से पता चला है कि वैश्विक स्तर पर युवाओं के स्वास्थ्य (Health) में गिरावट आ रही है, और कोविड-19 महामारी (COVID-19 Pandemic) ने स्कूलों में छात्रों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता को और बढ़ा दिया है। हालांकि, कई वेलनेस (Wellness) कार्यक्रम स्कूलों में पहले से चल रही हैं, लेकिन उनमें से अधिकांश का आधार वैज्ञानिक प्रमाणों (Scientific Evidence) पर नहीं होता। इस समस्या के समाधान के लिए हंड्रेड की इस स्पॉटलाइट पहल ने 10-15 प्रभावी और स्केलेबल नवाचारों की पहचान की है, जो छात्रों की भलाई को बढ़ावा देने के लिए नवीन शैक्षिक प्रथाओं (Educational Practices) का समर्थन करते हैं।
इस परियोजना के अंतर्गत तीन प्रकार के नवाचारों को श्रेणीबद्ध किया गया है: लक्षित हस्तक्षेप (Targeted Interventions) जैसे कम आत्म-सम्मान (Self-esteem) वाले छात्रों के लिए कार्यशालाएं (Workshops); सार्वभौमिक हस्तक्षेप (Universal Interventions) जैसे माइंडफुलनेस (Mindfulness) कार्यशालाएं, जो सभी छात्रों के लिए होते हैं; और समग्र विद्यालय हस्तक्षेप (Whole School Interventions), जो पूरे विद्यालय को एक गतिशील पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) के रूप में संलग्न करते हैं, जिसमें छात्रों, शिक्षकों, नीति परिवर्तनों (Policy Changes), और समुदाय (Community) की भागीदारी शामिल होती है।
“वेलबिंग इन स्कूल्स” परियोजना के तहत अगले तीन वर्षों तक यह पहल जारी रहेगी, जिसमें IB और गैर-IB स्कूलों (Non-IB Schools) के साथ मिलकर विद्यार्थियों की भलाई के लिए एक व्यवस्थित अध्ययन (Systematic Study) और नवाचार की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, रिसर्च स्कूल्स इंटरनेशनल, और जैकब्स फाउंडेशन जैसे प्रतिष्ठित संस्थान इस परियोजना में प्रमुख सहयोगी (Key Partners) के रूप में शामिल हैं।
इस परियोजना के तहत चयनित नवाचारों की घोषणा अक्टूबर 2024 में की जाएगी, और शोध रिपोर्ट (Research Report) दिसंबर 2024 में जारी की जाएगी। इस शोध के निष्कर्षों (Findings) के आधार पर दुनियाभर के राष्ट्रों के समक्ष छात्रों की भलाई के लिए साक्ष्य-आधारित सुझाव (Evidence-Based Recommendations) प्रस्तुत किए जाएंगे, ताकि शिक्षा के क्षेत्र में स्थायी (Sustainable) और सकारात्मक बदलाव (Positive Change) लाया जा सके। इस पहल का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि विद्यार्थियों की भलाई के मुद्दे को शैक्षिक संरचनाओं में व्यवस्थित रूप से एकीकृत (Integrated) किया जाए, जिससे सभी छात्रों के लिए एक स्वस्थ (Healthy) और समृद्ध (Prosperous) शैक्षिक वातावरण (Educational Environment) का निर्माण हो सके।