रिपोर्ट : रामनरेश ओझा
जालौन : सरकार के निरंतर प्रयासों के बावजूद भी समय से विद्यालय नहीं पहुंचते शिक्षक, बच्चे खोलते हैं स्कूल का ताला । वीडियो या फोटो खींचो तो प्रधानाचार्य महोदय गुस्से में आग बबूला हो जाते है । उनके मुताबिक एक या 2 दिन एक-दो घंटे लेट हो भी गए तो क्या फर्क पड़ता है ।
दरअसल यह पूरा मामला उत्तर प्रदेश के जालौन जिले की लहचुरा ग्राम पंचायत में मौजूद प्राइमरी स्कूल का है। दरअसल इस स्कूल में कक्षा 1 से लेकर 5 तक बच्चों को शिक्षा प्रदान की जाती है। लेकिन पिछले कई दिनों अभिभावकों को सूचना मिल रही थी कि अध्यापक देर से आते हैं और बच्चों को ही स्कूल के ताले खोलने पड़ते हैं और इंतजार करना पड़ता है। घटना की सत्यता को जानने के लिए पत्रकार रामनरेश ने स्कूल का दौरा किया और मौके पर पाया कि स्कूल का समय होने के बावजूद भी वहां पर कोई अध्यापक नहीं पहुंचा। बच्चे ही स्कूल का गेट खोल कर शिक्षकों के आने का इंतजार कर रहे हैं। वहां पर मौजूद बच्चों ने भी बताया कि उन्हें पढ़ाने वाले शिक्षक 9:00 बजे के आसपास ही वहां पर आते हैं।
स्कूल के प्रांगण में शिक्षकों का इंतजार करते करते 8:45 का समय हो चुका था। प्रधानाचार्य के आने पर उनसे देर से आने का कारण पूछा गया तो प्रधानाचार्य बौखला गए और उन्होंने कहा यदि दिन या 2 दिन एक या 2 घंटे लेट हो गए तो यह कोई बड़ी बात नहीं है। इसमें वीडियो और फोटो खींचने वाली कौन सी बात है। अब देखना यह है कि वायरल वीडियो और खबर के संज्ञान में आने के बाद BSA जिम्मेदार शिक्षकों पर क्या कार्रवाई करते हैं ? क्या आने वाले समय में सरकार द्वारा सुनिश्चित किए गए समय पर स्कूल के गेट के ताले खुलेगे या फिर यह सिलसिला निरंतर यू ही चलता रहेगा आने वाला वक्त ही बताएगा।
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