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MNREGA corruption | विभाग वही मनरेगा , बदला है तो केवल भ्रष्टाचार का ट्रेंड , सड़क की पटरी सफाई के नाम पर धन का बंदरबांट

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Picture of ( ब्यूरो चीफ ) रामनरेश ओझा

( ब्यूरो चीफ ) रामनरेश ओझा

रिपोर्ट,दिलीप कुमार

बस्ती – (MNREGA corruption) गौर विकास खंड अन्तर्गत ग्राम पंचायतों में चल रहे मनरेगा कार्यों को लेकर हमेशा मीडिया की सुर्खियों में बना रहता है। ताजा मामला ग्राम पंचायत बेलवरिया जंगल का है जहाँ ग्राम पंचायत में 153 श्रमिकों का मास्टर रोल जारी किया है. ग्राम पंचायत बेलवरिया जंगल रानीपुर सरहद से लेकर माझामानपुर सरहद तक के दोनों तरफ पटरी मरम्मत का कार्य केवल 07 श्रमिकों को लगा कर PWD रोड के पटरी पर उगे हुए घास को छिलवाया जा रहा है इस सम्बन्ध में लोकनिर्माण विभाग के अभियन्ता से बात करने पर उन्होंने बताया कि PWD विभाग की गाईडलाईन के अनुसार अगर ग्राम पंचायत द्वारा किसी अन्य विभाग के रोड पर कोई कार्य कराया जाता है तो सम्बंधित विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र के बिना कोई भी कार्य नहीं कराया जा सकता और PWD विभाग कभी भी घास -फूंस छिलने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं देता PWD विभाग द्वारा टूटी- फूटी पटरी मरम्मत व पटरी पर मिट्टी पटाई का ही अनापत्ति प्रमाण जारी किया जाता है ।जब कि यहाँ पटरी मरम्मत के नाम पर केवल घास- फूल छिलवाया जा रहा है इस कार्य मेंँ 153 श्रमिकों का मास्टर रोल भरा जा रहा है मीडिया की टीम की पड़ताल में केवल 07 श्रमिक ही पाये गया। यहाँ परियोजना पर पटरी मरम्मत कार्य चल रहा है।

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पी0डब्लू0डी0 सड़क की पटरी सफाई का कोई एन0ओ0सी0 जारी नहीं करता – सूत्र_

मनरेगा योजना के अन्तर्गत सिर्फ कागजों में चल रहा है , ग्राम पंचायत बेलवरिया जंगल में ही 153 श्रमिकों का फर्जी मास्टर रोल भरा जा रहा है सचिव ग्राम पंचायत महेंद्रनाथ प्रजापति को फोन करने पर नहीं उठाया। स्थानीय लोगों ने बताया कि हमारे ग्राम पंचायत में इस समय लगभग 04 दिनों से PWD रोड के पटरी मरम्मत का कार्य मनरेगा योजना के अन्तर्गत चल रहा है जिसमें 153 श्रमिकों का मास्टर रोल भरा जा रहा है। लेकिन मौके पर इतने ही श्रमिक काम करते हैं।

ऐसे में आप स्वयं अंदाजा लगा सकते हैं कि शासकीय धन का किस तरह से दुरूपयोग किया जा रहा है, आखिर किस के इशारे पर इतना बड़ा भ्रष्टाचार किया जा रहा है जबकि केन्द्र सरकार एवं प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार मुक्त करने की दावा करती है ग्राम पंचायत बेलवरिया जंगल सहित अधिकतर ग्राम पंचायतों में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा। अगर जमीनी स्तर पर इसकी पड़ताल कर ली जाए तो भ्रष्टाचार की कलाई परतदार परत खुलकर सामने आने लगेगी जो लोग गांव में कभी कार्यस्थल पर नहीं जाते उनके नाम पर भी हाजिरी लगा दी जाती है।

ग्राम पंचायत में नियुक्त रोजगार सेवक द्वारा फर्जी हाजिरी लगा दिया जाता है तकनीकी सहायक द्वारा फर्जी एम. बी .कर दिया जाता है और मजदूरों के खाते में पैसा भिजवाकर निकलवा लिया जाता है और उनको 1000 से 1500 रूपये पकड़ा दिया जाता है । सबसे बड़ी बात यह है कि फर्जी मनरेगा योजना में हो रहे कार्य स्थल पर शुरू होने और समाप्त होने व परियोजना पर ब्यय किये गए धन की कहीं कोई साइन बोर्ड नहीं लगा है। जिससे यहां नहीं पता हो पता कि इस परियोजना पर कितने दिन, कितने श्रमिको को कितना रुपया का भुगतान हुआ इस योजना में सरकारी धन का खूब बंदर बांट हो रहा है।

मनरेगा योजना में हो रहे भ्रष्टाचार  (MNREGA corruption) के जिम्मेदार इसमें रोजगार सेवक की जिम्मेदारी होती है कि वह एन.एम.एम एस. द्वारा फर्जी हाजिरी लगाते हैं उसके बाद तकनीकी सहायक की जिम्मेदारी होती है कि वह फर्जी एम. बी .कर देते हैं और प्रधान व सचिव की जिम्मेदारी भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका होती है पैसा स्वीकृत होकर श्रमिकों के खाते में पहुंच जाता है मनरेगा योजना में घोटाले बाजों की जड़े हैं बहुत गहरी व मजबूत मनरेगा योजना में घोटाले बाजों की जड़े इतनी मजबूत है कि किसी भी ग्रामीण में इतनी हिम्मत नहीं होती की खुलकर इसका विरोध कर सके अगर किसी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई तो उसकी हर तरह से इतना प्रताड़ित व पीड़ित कर दिया जाता है कि वह थक हार कर घर पर बैठ जाता है।

स्थानीय लोगों ने बताया कि इस समय कहीं कोई खेत खलिहान खाली नहीं हैं। ऐसे में जमीनी स्तर पर मिट्टी का कार्य कराना सम्भव नहीं है इसलिए अब पटरी मरम्मत के कार्य कराने का खेला चल रहा है । मनरेगा में चल रहे कार्यों की उपस्थिति मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम एप के माध्यम से सुबह शाम दोनों टाइम का नियम है इसके बावजूद भी उपस्थित एक टाइम लगाया जा रहा है कार्य के समय ना लगा करके रात्रि में ( 07:45 )बजे लगाया जा रहा है प्रतीत हो रहा है कि मजदूरों की उपस्थिति फर्जी ढंग से छुपाते हुए रात में हाजिरी लगाया जा रहा है जिससे किसी को कानों कान भनक भी ना लगे। ऐसे में आप सहज ही आंदाजा लगा सकते हैं कि मौके पर क्या चल रहा है पीडब्ल्यूडी रोड की पटरी की एक साइड जल निगम द्वारा पानी का पाइप लाइन डालने के लिए खुदाई किया गया था और पूरी तरह से घास फूस साफ कर दिया गया था। पटरी मरम्मत का कार्य बगल के मिट्टी खोदकर के पूरी पटरी को समतलीकरण करते हुए उच्चीकरण व दुरुस्त करने का नियम है।

PWD रोड की मरम्मत कार्य के नाम पर जो कार्य चल रहा है वह पूर्ण रूप से भ्रष्टाचार का खेल है क्योंकि जब सड़क के दोनों तरफ फसल लगा हुआ है मिट्टी खोदने का कहीं से कोई जगह ही नहीं है तो आखिरकार पटरी मरम्मत हो कैसे रहा है इससे यहां पूर्ण रूप से स्पष्ट है कि कुछ चंद्र लोगों को खड़ा करके केवल फोटो खींचा जा रहा है और मौके पर घास को छिलवा करके भ्रष्टाचार किया जा रहा है । PWD रोड के पटरी मरम्मत के नाम पर विकासखंड गौर सहित जनपद में लाखों रुपए का भ्रष्टाचार पिछले कुछ दिनों से किया जा रहा है यह सब पटरी गैंग विकासखंड में हावी होकर के पटरी मरम्मत के नाम पर बहुत बड़ा वित्तीय अनियमितता एवं भ्रष्टाचार किया जा रहा है।

स्थानीय लोगों ने वरिष्ठ अधिकारियों से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने व फर्जी मनरेगा श्रमिकों की हाजिरी को शून्य कराने का मांग किया है।

इस संबंध में ज्यादा जानकारी के लिए खंड विकास अधिकारी के. के. सिंह जी को फोन करने पर उन्होंने बताया कि हम आपके द्वारा बताये गये ग्राम पंचायत का स्थलीय जांच व निरीक्षण कराकर दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही करेंगे। यक्ष प्रश्न भ्रष्टाचार देश को दीमक की तरह खोखला कर रहा है.देश की जन्ता के पैसों पर अपनी शौक पूरा करने वाले काले बिषधर की तरह उस धन पर कुण्डली मारकर बैठने वाले जो भ्रष्टाचार की भट्टी पर अपनी- अपनी रोटियां सेंक रहे हैं वो सभी सलाखों के पीछे कब जायेंगे?

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