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एक ही दिन में एक जवान बेटे , दो जवान बेटियों के अंतिम संस्कार से विश्वकर्मा समाज डूबा शोक की लहर में 

Picture of ( ब्यूरो चीफ ) रामनरेश ओझा

( ब्यूरो चीफ ) रामनरेश ओझा

रई ( जालौन )11 अगस्त। आज का दिन जनपद जालौन के विश्वकर्मा समाज के लिए कलेजा फाड़ देने वाला दिन रहा। जहां पर दो जवान बेटियों के साथ-साथ एक जवान सैनिक बेटे का अंतिम संस्कार ने विश्वकर्मा समाज की आंखों के आंसू बंद नहीं होने दिये।

सगे बहिन -भाई की सड़क दुर्घटना में ,एक बेटी की बीमारी से हुई मौत

आपको ज्ञात हो कि कल 10 अगस्त को जीतामऊ निवासी पूर्व सैनिक अशोक कुमार विश्वकर्मा का जवान बेटा अंशू विश्वकर्मा उम्र लगभग 27 वर्ष जो पुणे में कोर आफ ऑर्डिनेंस में लगभग 10 वर्ष से हवलदार रैंक पर तैनात था। कुछ दिन पहले रक्षाबंधन की छुट्टी में वह अपने घर हाल मुकाम बघौरा उरई आया हुआ था। और रक्षाबंधन के दौरान उसकी बड़ी बहन बंदना विश्वकर्मा उम्र लगभग 32 बर्ष अपनी ससुराल से भाई को राखी बांधने के लिए अपने पिता के घर उरई आई हुई थी।

बहन- भाई दोनों कल 10 अगस्त 2024 को अपनी बाइक से अपने पैतृक गांव जीतामऊ जा रहे थे। जिला मुख्यालय उरई से लगभग 30 किलोमीटर दूर जालौन- कुठौद हाईवे पर स्थित कस्बा हदरूख के पास पहुंचने ही वाले थे कि अचानक एक कार ने ने बाइक में टक्कर मार दी जिससे बाइक चला रहा सैनिक भाई अंशु विश्वकर्मा उम्र लगभग 27 वर्ष की मौके पर ही मौत हो गई।

राहगीरों और पुलिस की मदद से परिजनों को सूचना दी गई तो परिजनों ने मौके पर जाकर घायल अवस्था में पड़ी बहन बंदना विश्वकर्मा को कानपुर के लिए रवाना किया लेकिन अस्पताल पहुंचने पर चिकित्सकों ने बहन को भी मृत घोषित कर दिया। इस तरह से एक साथ रक्षाबंधन के पर्व से पहले ही बहन भाइयों की मौत ने जिले की विश्वकर्मा समाज को ही नहीं बल्कि संपूर्ण समाज को झकझोर दिया।

जवान सैनिक अंशु विश्वकर्मा को झांसी की सैनिक बटालियन ने पैतृक गांव जीतामऊ में हज़ारों की संख्या में उमड़ें विश्वकर्मा समाज के लोगों आसपास के ग्रामीण और पूर्व सैनिक संगठन के के पदाधिकारी के बीच अंशु विश्वकर्मा के पार्थिव शरीर को तिरंगा उड़ाकर और पुष्प चक्र चढ़ाकर अंतिम विदाई दी। जवान सैनिक की अंतिम विदाई के समय उपस्थित जन सैलाब की आंखों से आंसू बंद नहीं हो रहे थे।

वहीं मृतक सैनिक की बड़ी बहन वंदना विश्वकर्मा के शव को कानपुर के अस्पताल से ससुराल वालों को सौंप दिया गया जिसका अंतिम संस्कार ससुराल वालों ने ही किया। इस तरह से भाई बहन की मौत के गम के आंसू विश्वकर्मा समाज के लोगों के सूखे नहीं थे कि इसी बीच गांव बस्तेपुर निवासी शिवनारायण विश्वकर्मा की नातिन और प्रमोद विश्वकर्मा की ग्रेजुएट बेटी सोनम विश्वकर्मा उम्र लगभग 20 बर्ष की बीमारी के चलते मौत का समाचार भी समाज के लोगों को मिला। सोनम विश्वकर्मा का अंतिम संस्कार परिजनों ने यमुना में जल प्रवाह के साथ किया गया।

इस तरह से आज एक साथ विश्वकर्मा समाज की दो बेटियों और एक सैनिक जवान बेटे के अंतिम संस्कार ने आज लोगों के हृदय को झकझोर की रख दिया। अंतिम संस्कार में शामिल हुए लोगों की आंखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। लोगों की आंखों में रह रह कर आंसू भर जा रहे थे। जनपद में विश्वकर्मा समाज की दो जवान बेटियों और एक जवान सैनिक बेटे के निधन पर पूरा समाज शोक की लहर में डूबा रहा।

अखिल भारतीय विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा के जिला अध्यक्ष महेश विश्वकर्मा कृष्ण कुमार शर्मा और पप्पू रूरा पूर्व एस आई गोविंद ओझा, आदि के साथ सैनिक जवान बेटे अंशू विश्वकर्मा के अंतिम विदाई में पैतृक गांव जीतामऊ पहुंचे। इसके बाद पूरी टीम ने वस्तेपुर गांव में जाकर प्रमोद विश्वकर्मा की पुत्री सोनम विश्वकर्मा उम्र लगभग 20 वर्ष के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त की।

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