रिर्पोट: दिलीप कुमार
बस्ती (विक्रमजोत ) – पंचायत भवन के मरम्मत के नाम पर लाखों रुपये डकारने के बाद भी ग्राम प्रधान त्रिलोकी प्रसाद एवं सचिव आशीष श्रीवास्तव ने पंचायत भवन पर ग्राम पंचायत का नाम लिखना भी मुनासिब नहीं समझा । ग्राम पंचायत धौरहरा चौहान का पंचायत भवन कूड़े में तब्दील हो रहा है । पंचायत भवन में गंदगी का अंबार लगा है ।
पंचायत भवन से सीसी फुटेज ,कुर्सी , मेज , आलमारी , कम्प्यूटर आदि सामग्री गायब है । ग्राम प्रधान त्रिलोकी प्रसाद एवं सचिव आशीष श्रीवास्तव की मिलीभगत से पंचायत सहायक को बिना ड्यूटी के फर्जी मानदेय का भुगतान किया जा रहा है । ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत में विकास की दशा बहुत ही दयनीय है ।
विकास के नाम पर सरकारी धन निकाला जाता है लेकिन विकास धरातल पर न होकर कार्यों में पूर्ण हो जाता है । सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार खंड विकास अधिकारी विक्रमजोत एवं सहायक विकास अधिकारी की मिली भगत से ग्राम पंचायत में विकास के नाम पर बड़ा खेल चल रहा है ।
यदि खंड विकास अधिकारी एवं सहायक विकास अधिकारी द्वारा ग्राम पंचायत धौरहरा चौहान में कभी भ्रमण किया गया होता तो शायद यह दशा नही होता कि पंचायत भवन के मरम्मत के नाम पर पैसा निकालने के बाद पंचायत भवन पर ग्राम पंचायत का नाम , सचिव कक्ष , ग्राम प्रधान कक्ष ,पंचायत सहायक कक्ष एवं अन्य जानकारियां पंचायत भवन पर लिखी गई होती । ग्राम पंचायत में कभी भी बैठक नही होती है और गांव में समस्या एवं गांव में समाधान के तहत चौपाल का आयोजन हुआ था चौपाल में प्रत्येक विभाग के अधिकारियों की उपस्थिति अनिवार्य रहती है यदि संबंधित अधिकारी / कर्मचारी ग्राम पंचायत के चौपाल आते तो ग्राम पंचायत के पंचायत भवन की दशा दयनीय नही होती ।
उक्त प्रकरण में ग्राम प्रधान त्रिलोकी प्रसाद से मीडिया टीम ने फोन के माध्यम से जानकारी लेना चाहा तो मीडिया टीम के फोन को ग्राम प्रधान त्रिलोकी प्रसाद देव रिसीव नहीं किया । इस संबंध में सचिव आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि पंचायत सहायक का तबीयत खराब है इसीलिए पंचायत भवन पर पंचायत सहायक डियूटी पर नही है और पंचायत भवन पर ग्राम पंचायत का नाम समेत अन्य जानकारियां नही लिखा है यह सत्य है । इसके बारे हम क्या कर सकते हैं ? पंचायत भवन के दशा के बारे में सभी को पता है ।