रिर्पोट,दिलीप कुमार
बस्ती ( कप्तानगंज ) – वन विभाग कप्तानगंज अपने कारनामों के कारण हमेशा सुर्खियों में रहता है । विकासखण्ड कप्तानगंज के अन्तर्गत कम्पोजिट उच्च प्राथमिक विद्यालय खजुरिया मिश्र परिसर में शासनादेश के विरुद्ध दिनांक – 21-02-2024 एवं 22-02-2024 को चिलबिल के पेड़ की कटान हुई थी सोशल मीडिया पर खबर वायरल लेते ही वन विभाग कप्तानगंज ने दिनांक – 23-02-2024 को जांच करके ग्राम प्रधान लक्ष्मी एवं लकड़ी ठेकेदार सन्तराम के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था जो मुकदमा संख्या – 73 / 2023-2024 है और वन विभाग कप्तानगंज ने कटी लकड़ी को कब्जे में लेकर किसी के सुदुर्प किया था ।
एक माह बीतने के बाद वन विभाग कप्तानगंज की मिली भगत से कटी लकड़ी / सुदुर्प की गयी लकड़ी के कुछ हिस्सा की बिक्री की जा चुकी है । कुछ कटी बची लकड़ी का मूल्यांकन करके उक्त मामले को रफा – दफा करने में जुटी है ।
सूत्रों के मुताबिक पहले तो वन विभाग कप्तानगंज ने कार्रवाई दिखाने के लिए मुकदमा तो दर्ज कर लिया था लेकिन अब दो पेड़ चिलबिल का जुर्माना जमा कराने के बजाएं बैक डेट में ग्राम प्रधान द्वारा अप्लीकेशन दिलाकर बैठक आदि की सारी प्रक्रिया पूर्ण करवाने में जुटा हैं । कटी लकड़ी की बिक्री के बाद कुछ बची कटी लकड़ी का मूल्यांकन करके नाम मात्र पैसा सरकारी खजाने में जमा करा रहा हैं ताकि सरकारी प्रक्रिया भी पूर्ण हो जाएं और अपनी जेब भी गर्म हो जाए ।
शासनादेश के अनुसार सरकारी भूमि पर बिना किसी सूचना / बिना आदेश पर दो पेड़ चिलबिल की कटान होने पर प्रति पेड़ 10000 रुपये की दर से जुर्माना सरकारी खजाने में जमा कराना था और चोरी से पेड़ काटने के मामले में सम्बंधित ठेकेदार के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराया जाना आवश्यक था लेकिन सरकारी शासनादेश के अनुसार सारी प्रक्रिया करने पर वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की जेब गर्म नही हो पायेगी । वन विभाग कप्तानगंज का सीधा मतलब है कि अपना काम बनता तो भाड़ में जाए जनता की नीति पर हमेशा कार्य करती है ।