रिर्पोट,दिलीप कुमार
बस्ती – शासनादेश के खिलाफ तैनात यातायात प्रभारी कामेश्वर सिंह के स्थानांतरण के लिए चुनाव आयोग से शिकायत की गई है । जनहित को ध्यान में रखते हुए शिकायतकर्ता ने चुनाव आयोग से यातायात प्रभारी कामेश्वर सिंह की तत्काल स्थानांतरण की मांग की गई है ।
सूत्रों के मुताबिक यातायात प्रभारी कामेश्वर सिंह की तैनाती बस्ती जिले में वर्ष 2018 में हुई थी । वर्ष 2018 से अद्यतन तक बस्ती जिले में लगातार जमे हैं जिसका मुख्य कारण जिम्मेदार अधिकारियों की मिली भगत है । इतना ही नही जिम्मेदार अधिकारियों के सहयोग से यातायात प्रभारी कामेश्वर सिंह के आनलाइन डाटा में भी छेड़छाड़ किया गया है । यातायात प्रभारी के आनलाइन डाटा में अधिकतर कालम खाली है और जानकारियाँ छिपाई जा रही हैं । आनलाइन डाटा में अधिकतर कालम खाली रखने का मुख्य उद्देश्य है कि यातायात प्रभारी की तैनाती कब , कहां है किसी को पता न चले , मात्र जिम्मेदार अधिकारी / कार्यालय तक ही तैनाती समेत अन्य जानकारी सीमित रहे ।
प्रदेश सरकार ने समस्त सरकारी अधिकारी / कर्मचारी के समस्त प्रमाण पत्रों को मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड करने का आदेश दिया है ताकि प्रत्येक सरकारी अधिकारी / कर्मचारी का सम्पूर्ण डाटा की पारदर्शिता बनी रहे । प्रत्येक अधिकारी / कर्मचारी का डाटा आनलाइन के होने के बाद अवकाश लेने के लिए आनलाइन सूचना देना पड़ता है और वेतन समेत अन्य समस्त सूचनाएं आनलाइन उपलब्ध रहती है ।
प्रत्येक सरकारी अधिकारी / कर्मचारी के बारे में समस्त जानकारी सार्वजनिक होना चाहिए जिससे सरकारी शासनादेश का पालन हो सके। मानव सम्पदा पोर्टल पर आनलाइन डाटा में समस्त प्रमाण पत्र , नियुक्ति वर्ष , विभाग , आवासीय पता , पहली तैनाती से तैनाती स्थल तक समस्त विवरण , मोबाइल , प्रमोशन , जाति , धर्म समेत सम्पूर्ण डाटा सूची में कालम वार भरना रहता है लेकिन यातायात प्रभारी कामेश्वर सिंह के आनलाइन डाटा में काफी कालम खाली पड़ा है जिसको लेकर तरह – तरह की चर्चाएं चल रही है जिम्मेदारअधिकारी ,यातायात प्रभारी पर इतने मेहरबान है कि प्रदेश सरकार के आदेश को ठेंगा दिखाने से तनिक भी चूक नही कर रहे हैं ।
पुलिस प्रशासन प्रदेश सरकार के रीढ़ की हड्डी के समान है , जिस प्रकार शरीर में रीढ़ की हड्डी पर शरीर का सम्पूर्ण भाग टिका होता है ठीक उसी प्रकार पुलिस भी प्रदेश सरकार के कानून व्यवस्था को मजबूत बनाये रखने में सम्पूर्ण योगदान रहता है । जब पुलिस स्वयं कानून का पालन नही कर रही है तो आम आदमी कानून का पालन कैसे करेगा अपने आप में विचारणीय एवं निरुत्तरित प्रश्न बना हुआ है। स्थानांतरण नीति के अनुसार 03 वर्ष से अधिक समय से एक स्थान / कार्यालय पर तैनात समस्त अधिकारियों / कर्मचारियों का स्थानांतरण हो रहा है । यातायात प्रभारी की तैनाती लगातार 06 वर्षों से होने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी स्थानांतरण नीति की धज्जियां जमकर उड़ाने में मस्त हैं ।

Author: भूपेन्द्र सिंह कुशवाहा
पेशे से पत्रकार , इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया एवं विभिन्न न्यूज़ पोर्टल का अनुभव, सभी चैनलों का अपना अपना एजेंडा लेकिन मेरी विचारधारा स्वतंत्र पत्रकार की "राष्ट्र हित सर्वप्रथम"