आगरा: माननीय केशव प्रसाद मौर्या जी का पी. ए.(रतन सिंह ) को अपना भाई बोलकर धर्मवीर सिंह उर्फ़ राजू करता है आगरा के थाने मे फोन, नहीं होती है पत्रकार की शिकायत पर कोई भी कार्यवाही । पत्रकर को जान से मारने कि कोशिश करने वाले कार शोरूम के कर्मचारी प्रीति, प्रशांत पाठक एवं अन्य के विरुद्ध नहीं की जा रही चार महीने से FIR मामला आगरा के jantanow.com के क्राइम रिपोर्टर सचिन सिंह चौहान का है। सचिन सिंह चौहान की पत्नी श्रीमती प्रीति पुत्री राजेन्द्र कुमार से परवारिक विवाद 2017 के चलते दोनों अलग अलग रह रहे है ।सचिन की पत्नी प्रीति का विवाह के पूर्व से ही प्रशांत पाठक से अवैध सम्बन्ध थे जिसके चलते सचिन सिंह की पत्नी प्रीती द्वारा षड़यंत्र के तहत अपने परिजनों के साथ मिलकर दिनांक 13/01/2017 को बहन कि शादी के निमंत्रण के कहकर श्रीमती प्रीति और डेढ़ माह कि पुत्री को ज़ेवर, रूपये एवं कपड़ो के साथ उसके परिजन ले गए शादी के बाद जब सचिन सिंह और उनके परिवार ने बुलाने का प्रयास किया लड़की पक्ष ने तलाक और 20 लाख रूपये कि डिमांड रखा जो कि सचिन सिंह उनके परिवार ने उनकी इस डिमांड को पूरी करने से मना कर दिया। जिससे चिढ़कर उक्त प्रीती और उसके परिजनों ने पीड़ित और उसके परिजनों के साथ मारपीट की गई । जिसके बाद पीड़ित ने कई प्रार्थनापत्र दिये सक्षम अधिकारीयों को लेकिन तब से लेकर आज तक पीड़ित की नहीं हो रही सुनवाई।
जिससे उक्त प्रीती और उसके आशिक प्रशांत पाठक एवं अन्य लिप्त लोगो के हौसले हो रहे हे बुलंद और पीड़ित को धमकी दी जा रही है जिस कारण पीड़ित है काफी भयभीत ।
पीड़ित की पुलिस अधिकारी भी नहीं कर रहे हे मदद । सचिन सिंह चौहान ने न्यायलय कि शरण लिया लेकिन न्यायलय के बुलाने प्रीति उसे परिवार वाले बोखला गए दिनांक 12/5/2017 को 35 से 40 लोगो ने सचिन सिंह के घर हमला कर दिया । प्रीती और प्रशांत पाठक के कहने पर माननीय केशव प्रसाद मौर्या जी के यहाँ जो रतन सिंह का छोटा भाई बताता है। (पीड़ित के पास उसे व्यक्ति की रिकॉर्डिंग भी है) जो नगला छिद्धा आगरा मे रहता है।इस व्यक्ति के थानो मे बात कराने पर मुकदमा दर्ज़ नहीं हुआ उसके बाद न्यायलय मे पंजीकृत है। सचिन सिंह चौहान पर साक्ष्य होने पर भी उन साक्ष्य को दबाया गया प्रशांत प्रशांत पाठक ने प्रीति और उसके परिवार से मिलकर महिला थाने मे उस व्यक्ति जो कि मुख्यमंत्री जी का पी. ए का भाई बताता है उनके फोन करने पर सचिन सिंह एवं उनके परिवार पर झूठा दहेज़ का मुकदमा दर्ज़ हुआ। वो भी उस प्रार्थना पत्र पर जिसमे कुछ भी सत्य नहीं था । इन मुकदमो के चलते प्रशांत पाठक ने प्रीति के ज़रिये रूपये कमाने के उदेश्य स्पष्ट है। वर्कातमान से प्रशांत पाठक एक कार शोरूम मे सेल्स पद पर नौकरी लगवाया है । मुकदमो मे जाने कि छुट्टी का भी पूरा वेतन दिलाया और सचिन सिंह और उनके पिता को पीटने और जान मरने कि कोशिस मे कई बार कार शोरूम से बिना नंबर कि गाड़ी का उपयोग किया गाड़ी का उपयोग जब करते है जब किसी कस्टमर को घर पर नयी गाड़ी पहुचानी होती थी जिससे वो कस्टमर गवाही दे सके अपने बचाव मे गेट पास दिखा सके यहाँ तक इन लोगो ने दिवानी न्यायलय आगरा मे सचिन सिंह और उनके पिता पर हमला हुआ था उस समय भी प्रशांत पाठक और उसके साथी को थाना पुलिस ने जांच मे उन्हें बचा दिया प्रीति और उसके पिता के नाम ही मुकदमा दर्ज़ किया।प्रीति और प्रशांत पाठक एवं उसके दोस्तों कि गुंडागर्दी से सचिन सिंह चौहान के फ्रैक्चर भी हुआ था लेकिन पुलिस विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की।
पीड़ित का अभी तक नहीं हआ डिवोर्स, डिवोर्स के बिना ही पत्नी ने की दूसरी शादी
इन मुकदमो के चलते प्रीति ने पीड़ित से अभी तलाक नहीं हुआ हे इसके बाबजूद भी प्रीति द्वारा उसके कहे अनुसार दूसरी शादी कर ली हे जिसके सम्बन्ध मे प्रीति ने वाट्स एप्प पर सचिन सिंह को बताया है कि मे चार माह से गर्ववाती हूँ। कुछ अपने फोटो किसी और व्यक्ति के साथ अश्लील फोटो भी भी भेजे है, और पीड़ित के परिवार को फिर से झूठे मुकदमो मे फ़साने और जेल मे सड़ाने धमकी दे रही है ।जिसकी शिकायत सचिन सिंह ने थाने मे शिकायत पत्रों द्वारा स्पीड पोस्ट के माध्यम से पुलिस कमिशनर महोदय आगरा,थाना न्यू आगरा मे साक्ष्य के साथ लगाए गए है आरोपों को देखते हुई कमिशनर महोदय ने जनसुनवाई संख्या -2001462016155/20014624017020 जिस पर गलत रिपोर्ट प्रेषित कि गई है,इस जनसुनवाई के आख्या के सम्बन्ध मे जनसुनवाई संख्या 4001462044158 पर मे साक्ष्यो के साथ भेजे गए है, जिसके बाद भी उक्त लोगो के विरुद्ध पुलिस नहीं कर रही एफ. आई. आर दर्ज़।
