नई दिल्ली- आजकल हर कोई ग्रेजुएशन करने के बाद नौकरी के लिए दर-दर ठोकरें खा रहा है लेकिन यदि लोगों की दृढ़ इच्छाशक्ति और कुछ करने का मनोबल हो तो लोग नौकरी के लिए भागते नहीं बल्कि नौकरी देने की सोच रखते हैं. ऐसा ही कुछ कारनामा कर दिखाया है बिहार के 13 वर्षीय बालक सूर्यांश कुमार ने वह 13 वर्ष की उम्र में 18 घंटे काम करता है और 56 कंपनियों का मालिक है.
Bihar story Suryanshkumar of Muzaffarpur Bihar becomes ceo 56 companies at age of 13
बिहार के 13 वर्षीय सूर्यांश कुमार ने 1 वर्ष के अंदर 56 ऑनलाइन कंपनियां शुरू की है. आपको बताते चलें कि सूर्यांश नवमी कक्षा में पढ़ाई करते हुए पहली कंपनी की शुरुआत की थी अभी वर्तमान में दसवीं कक्षा का छात्र है. आप लोगों ने देखा होगा कि इस उम्र में बच्चे पढ़ने लिखने और खेलने में समय व्यतीत करते लेकिन बिहार के मुजफ्फरपुर के जिले कटरा की प्रखंड के अम्मा गांव के रहने वाले 13 वर्षीय सूर्यांश बड़ा कारनामा कर दिखाया है .
सूर्यांश की माने तो जब ऑनलाइन चिजे ब्राउजर पर सर्च करता था तो उसे ऑनलाइन कंपनी की शुरुआत करने का एक बेहतरीन आईडिया दिमाग में आया और उसने इस आइडिया को अपने पिता संतोष कुमार को बताया. उसके पिता सूर्यांश को प्रोत्साहन देते हुए इस आइडिया को पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के रूप में दिखाने के लिए कहा. सूर्यांश ने बताया कि पहेली कंपनी उसने ई-कॉमर्स की शुरूआत की इस कंपनी को खोलने का उद्देश्य किसी भी सामान को महज 30 मिनट के अंदर लोगों के घर तक पहुंचाना. आपको बता दें कि जल्दी यह कंपनी लोगों के घर सामान पहुंचाने लगेगी. साथ ही सूर्यांश की एक और कंपनी लोगों को जीवनसाथी चुनने में मदद कर रही है इसके अलावा क्रिप्टोकरंसी से जुड़ी मंत्रा फ्राई कंपनी की शुरुआत होने वाली है.
सूर्यांश महज 13 वर्ष की उम्र में अपनी कंपनी के विस्तार के लिए 18 घंटे काम करता है. इसी काम के दौरान वह अपनी पढ़ाई भी जारी रखे हुए हैं .दोनों चीजें एक साथ कर रहा है हालांकि सूर्यांश स्कूल नहीं जा पाता है .लेकिन स्कूल की तरफ से उसे पूरा सहयोग मिल रहा है , वह अपने जीवन काल में इसी कार्य को आगे बढ़ाना चाहता है सूर्यांश ने बताया कि इन कंपनियों से उसे वर्तमान में किसी भी प्रकार की आय अर्जित नहीं हो रही है लेकिन जल्द ही आय अर्जित होना शुरू हो जाएगा .
नोट - हमारी टीम के द्वारा यह स्टोरी आपके लिए लाना इसलिए बेहद जरूरी था कि वर्तमान स्थिति में लोग ग्रेजुएशन करने के बाद भी 10 ₹15000 की नौकरी के लिए अपना सीवी लेकर दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं . शायद बेरोजगार लोग सूर्यांश की स्टोरी से कुछ सबक लेकर कुछ नया स्टार्टअप करने में कामयाब हो सके. यह हमारी टीम के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि होगी । दोस्तों आप सभी को यह आर्टिकल कैसा लगा कृपया कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं जिससे कि हमारी टीमकी हौसला अफजाई हो सके और साथी अपने दोस्तों के साथ व्हाट्सएप फेसबुक अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से शेयर जरूर करें.