कौन सा रत्न किस राशि के लोग कब धारण करे:- डॉ वैभव अवस्थी ज्योतिष परामर्शदाता
Astrology hindi: रत्नों का अपना अलग महत्व होता है।जो भी व्यक्ति जन्म लेता है उसकी अपनी एक राशि होती है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार यदि व्यक्ति अपनी राशि के अनुरूप उपयुक्त रत्न धारण करता है तो उसे जल्दी और आसानी से सफलता मिलती है।
कुंडली के हिसाब से कौन सा रत्न पहनना चाहिए? | कितने प्रकार के होते हैं रत्न?
रत्नों का सीधा सम्बन्ध रंगो और तरंगों से होता है। व्यक्ति के शरीर के सात चक्र इन्ही रंगों और तरंगों को ग्रहण करते हैं। रत्नों के प्रयोग से व्यक्ति की मानसिक स्थिति में तुरंत बदलाव हो जाता है। रत्नों का असर शरीर के साथ ही मन और कार्यों पर भी पड़ता है।यह जरूरी नहीं है कि प्रत्येक व्यक्ति को रत्न लाभ पहुंचाए, कभी-कभी राशि रत्न भी व्यक्ति के लिए नुकसान पहुंचा सकते हैं। अकारक ग्रहों का रत्न पहनना सर्वदा हानिकारक माना जाता है। रत्नों को धारण कर भाग्य परिवर्तन किया जा सकता है बशर्ते सही रत्नों का चयन किया जाए। सही एवं अनुकूल रत्न धारण करना अमृत के समान फलदायी है और गलत रत्न धारण करना जहर के समान होता है। अतः किसी अच्छे त्योतिष के जानकर से कुंडली विश्लेषण के बाद ही रत्न को धारण करना चाहिए।
कौन सा रत्न किस काम आता है? | 12 राशियों के रत्न कौन कौन से हैं?
माणिक्य– सूर्य को मजबूत करने के लिए माणिक्य धारण करना चाहिए। इस रत्न को रविवार के दिन धारण करना चाहिए। कम से कम सवा 5 रत्ती के माणिक को सोने की अंगूठी में अनामिका अंगुली में धारण करना चाहिए।
मोती– चंद्रमा की शुभता के लिए मोती धारण किया जाता है। यह रत्न कम से कम सवा 3 रत्ती का होना चाहिए। मोती को चांदी की अंगूठी में शुक्लपक्ष के सोमवार के दिन धारण करना चाहिए।
पन्ना– बुध ग्रह की शुभता के लिए पन्ना रत्न धारण करना चाहिए। सोने या प्लेटिनम की धातु में कम से कम 6 रत्ती का पन्ना सबसे छोटी अंगुली में धारण करना चाहिए। इसे बुधवार के दिन धारण करना चाहिए।
पुखराज– बृहस्पति की शुभता के लिए पीला पुखराज धारण करना चाहिए। पुखराज 5, 7, 9 या 11 रत्ती में धारण करना चाहिए। साथ ही इसे सोने की अंगूठी में गुरुवार के दिन धारण करना चाहिए। पुखराज को तर्जनी अंगुली में धारण करना अच्छा माना गया है।
हीरा– शुक्र को मजबूत बनाने के लिए हीरा धारण करना चाहिए। यह कम से कम दो रत्ती का होना चाहिए। हीरा शुक्रवार के दिन मध्यमा अंगुली में धारण करना चाहिए।
नीलम– शनि के प्रकोप से मुक्ति पाने के लिए नीलम रत्न धारण करना चाहिए। इस रत्न को 5, 6, 7, 9 और 11 रत्ती में शनिवार के दिन मध्यमा अंगुली में पंचधातु की अंगूठी में धारण करना चाहिए।
गोमेद– राहु के दोष से मुक्ति पाने के लिए गोमेद रत्न धारण करना चाहिए। इसे बुधवार या शनिवार को धारण करना चाहिए ।इसके अलावा इसे पंचधातु में मध्यमा अंगुली में धारण करना चाहिए।
लेहसुनिया– केतु के दुष्प्रभाव से मुक्ति पाने के लिए लहसुनिया रत्न धारण करना चाहिए। इसे गुरुवार के दिन धारण करना चाहिए। लहसुनिया को भी पंचधातु के साथ मध्यमा अंगुली में धारण करना चाहिए।
रत्नों को कुंडली विश्लेषण के बाद ही धारण करना चाहिए।
कुंडली विश्लेषण एवम अन्य जानकारी के लिए डॉ वैभव अवस्थी ज्योतिष परामर्शदाता से निम्न व्हाट्स ऐप नंबर पर संपर्क किया जा सकता है। 9720822736