बागपत, उत्तर प्रदेश। विवेक जैन।
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की पहली मुख्य प्रशासिका मातेश्वरी जगदम्बा सरस्वती का 59 वां स्मृति दिवस कोर्ट रोड भजन विहार गली नंबर 6 स्थित ब्रह्माकुमारी मेडिटेशन सेंटर पर मनाया गया। कार्यक्रम में बागपत जिला प्रभारी गीता दीदी ने मातेश्वरी जगदम्बा सरस्वती के जीवन परिचय में बताया कि मातेश्वरी जगदंबा सरस्वती को मम्मा कहा जाता था। उनका नाम इसलिए मम्मा पड़ गया था, क्योंकि बहुत ही कम उम्र में उन्होंने ज्ञान का महासागर अपने अन्दर धारण कर लिया था और वह एक मॉं के समान सभी के भले के लिए कार्य करती थी।
मातेश्वरी जगदम्बा सरस्वती के अनुसार हर घड़ी अंतिम घड़ी है, ऐसी सोच के साथ कर्म और पुरूषार्थ करना चाहिए – गीता दीदी
इसी कारण सब उनको मम्मा कहते थे। मम्मा सभी का मान-सम्मान करती थी। वह पालनकर्त्ता थी। मम्मा परिवार की लाडली थी। मम्मा की सबसे बड़ी विशेषताओं में से एक यह है कि वह हर घड़ी को अंतिम घड़ी समझ कर चलती थी और इस कारण वह परोपकार और धार्मिक कार्यो, ज्ञान दाता, अच्छे कर्मो और परमात्मा के ध्यान में सम्पूर्ण समय व्यतीत करती थी। मम्मा कहती थी कि हर घड़ी अंतिम घड़ी है, ऐसी सोच के साथ कर्म और पुरूषार्थ करो।
गीता दीदी ने सभी से मातेश्वरी जगदम्बा सरस्वती द्वारा दिये गये ज्ञान को अपनाने और परमात्मा का ध्यान लगाने की बात कही। गीता दीदी ने बताया कि मम्मा अनेक गुणों से सम्पन्न थी और वह समस्त शक्तियों से परिपूर्ण थी जिनका उपयोग उन्होंने अन्य आत्माओं के उद्धार हेतु किया। कहा कि आज के दिन मम्मा का जीवन, उनके गुण, वचन व कर्म याद किये जाते है और दूसरों को उनके जीवन से प्रेरणा लेने को कहा जाता है। इस अवसर पर उपस्थित भाईयों और बहनों ने मातेश्वरी जगदम्बा सरस्वती के चित्र के सम्मुख पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजली दी।
इस अवसर पर भाईयों और बहनों ने सुन्दर-सुन्दर भजन प्रस्तुत किये। कार्यक्रम के समापन अवसर पर गीता दीदी ने मातेश्वरी जगदम्बा सरस्वती के स्मृति दिवस पर आने वाले सभी भाईयों और बहनों तथा कार्यक्रम में सहयोग करने वाले सहयोगियों का आभार व्यक्त किया और सभी को प्रसाद वितरित किया। इस अवसर पर मेड़िटेशन सेंटर की और से ब्रहम भोज का आयोजन किया गया, जिसमें सभी ने भोजन ग्रहण किया।
इस अवसर पर गोपाल जी, नीरज वर्मा उर्फ मोनू, नेशनल अवार्डी, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सम्मानित वरिष्ठ पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्त्ता विपुल जैन, कमला, सीमा, गुड़डी सहित सैंकड़ों की संख्या में लोग उपस्थित थे।

Author: भूपेन्द्र सिंह कुशवाहा
पेशे से पत्रकार , इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया एवं विभिन्न न्यूज़ पोर्टल का अनुभव, सभी चैनलों का अपना अपना एजेंडा लेकिन मेरी विचारधारा स्वतंत्र पत्रकार की "राष्ट्र हित सर्वप्रथम"